मिलावटखोरों के खिलाफ "शुद्ध के लिए युद्ध अभियान" हुआ प्रारंभ, सूचना देने वाले को ईनाम

इस अभियान की मॉनिटरिंग चिकित्सा विभाग करेगा। अभियान में दूध मावा पनीर दूध उत्पाद आटा बेसन खाद्य तेल एवं घी सूखे मेवे मसालों की जांच की जाएगी। अभियान के पहले ही दिन बीकानेर में 4 हजार पीपे नकली मावे के जब्त किये गए ।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 01:59 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 01:59 PM (IST)
मिलावटखोरों के खिलाफ "शुद्ध के लिए युद्ध अभियान" हुआ प्रारंभ, सूचना देने वाले को ईनाम
मिलावटखोरों के खिलाफ "शुद्ध के लिए युद्ध अभियान"प्रारंभ हुआ

जयपुर, जागरण संवाददाता। मिलावटखोरों के खिलाफ राजस्थान सरकार का "शुद्ध के लिए युद्ध अभियान" सोमवार से शुरु हुआ । इसमें मिलावटी खाद्य सामग्री बनाने और बेचने वालों के खिलाफ सही सूचना देने वालों को 51 हजार का ईनाम दिया जाएगा। उनका नाम भी गोपनीय रखा जाएगा। इस अभियान की मॉनिटरिंग चिकित्सा विभाग करेगा। अभियान में दूध, मावा, पनीर, दूध उत्पाद, आटा, बेसन, खाद्य तेल एवं घी, सूखे मेवे, मसालों की जांच की जाएगी। अभियान के पहले ही दिन बीकानेर में 4 हजार पीपे नकली मावे के जब्त किये गए । यहां आटा और अरारोट मिलाकर नकली मावा बनाया गया था । जयपुर में भी कई दुकानों पर नमूने लिये गए ।

मिलावाट करने वालों को मिलेगी सजा

राज्य सरकार ने इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए एक कोर ग्रुप का गठन किया है। जिसमें गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के शासन सचिव शामिल होंगे, जबकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग समन्वयक की भूमिका निभाएगा। चिकित्सा विभाग ही इस ग्रुप का प्रशासनिक विभाग भी होगा।यह कोर ग्रुप जिला स्तर पर प्रबंधन समितियों एवं जिला कलक्टर से संपर्क कर अभियान की अवधि में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले थोक और खुदरा व्यापारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करेगा। उनके खिलाफ लीगल एक्शन की मॉनिटरिंग करेग,जिससे मिलावटखोरों पर कार्रवाई कर सजा दिलवाई जा सके।

जानकारी के अनुसार इस अभियान में एक जांच दल बनाया गया है, जिसमें उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी व अन्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी टीम लीडर व पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, प्रवर्तन अधिकारी डेयरी का प्रतिनिधि सदस्य होंगे। यह टीम जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित संस्थाओं का निरीक्षण कर नमूने लिए जाएंगे और मौके पर ही नजदीकी टेस्टिंग लैब में नमूनों की जांच करवाएगी। सैंपल टेस्टिंग रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर मौके पर ही मिलावटी सामग्री नष्ट करवाई जाएगी।

मिलावटखोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा । जिला स्तरीय प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। कमेटी के द्वारा जिले के ऐसे खाद्य पदार्थ उत्पादक बड़े थोक विक्रेता एवं खुदरा विक्रेता चिन्हित किए जाएंगे। जहां मिलावट की संभावना अधिक है। इस कमेटी में जिला कलक्टर अध्यक्ष होगा।

इसके अलावा जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला रसद अधिकारी, प्रबंध निदेशक जिला डेयरी सदस्य होंगे। जबकि डिप्टी लीगल एडवाइजर, असिस्टेंट लीगल एडवाइजर और अतिरिक्त जिला कलेक्टर या समकक्ष अधिकारी संयोजक होंगे। समिति के द्वारा दैनिक आधार पर अभियान की समीक्षा कर जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी। 

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