Rajasthan: ऑक्सीजन की कमी से जेएलएन में दो मरीजों की मौत, विधायक वासुदेव देवनानी व अनिता भदेल ने उठाए सवाल

Rajasthan विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के कोविड वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा आने से दो मरीजों के दम तोड़ने के मामले में सरकार को एक्सपर्ट कमेटी से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 09:43 PM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 09:43 PM (IST)
Rajasthan: ऑक्सीजन की कमी से जेएलएन में दो मरीजों की मौत, विधायक वासुदेव देवनानी व अनिता भदेल ने उठाए सवाल
ऑक्सीजन की कमी से जेएलएन में दो मरीजों की मौत। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan: अजमेर के जेएलएन अस्पताल के चिकित्सा कर्मी तत्परता नहीं दिखाते तो 21 मई की रात को ऑक्सीजन की कमी से दो से ज्यादा मरीजों की मौत हो जाती। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने घटना की जानकारी ली। अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में मौजूदा समय में भी 500 से भी ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं। इनमें से 20 से ज्यादा मरीज वेंटीलेटर पर हैं। अस्पताल में अजमेर ही नहीं आसपास के जिलों का खासकर नागौर के मरीज भी भर्ती हैं। प्रत्यक्षदर्शियों और अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों के अनुसार 21 मई को रात साढ़े बारह बजे अस्पताल के कोविड वार्ड (ट्रामा) में ऑक्सीजन की सेंट्रल लाइन में गड़बड़ी हो गई। इससे अनेक मरीजों के ऑक्सीजन का फ्लो कम हो गया, कई मरीजों का ऑक्सीजन सैचुरेशन 20 तक आ गया। इससे पूरे अस्पताल में हड़बड़ी मच गई। चिकित्सा कर्मियों ने तुरंत ही अनेक मरीजों के ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए ताकि उनकी जान बचाई जा सके।

इतनी तत्परता दिखाने के बाद भी देहली गेट निवासी भगवती देवी और नागौर के परबतसर निवासी संतोष की मृत्यु हो गई। परिजनों का कहना है कि यदि चिकित्सा कर्मी तत्परता नहीं दिखाते तो इससे ज्यादा भी मौते हो सकती थी। हालांकि यह घटना 21 मई की रात को करीब डेढ़ बजे की है, लेकिन घटना के 12 घंटे बाद भी अस्पताल प्रशासन घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सका। इससे मामला और उलझ रहा है। कोरोना संक्रमण में जब लोगों की मृत्यु ज्यादा हो रही है, तब ऑक्सीजन की वजह से दो जनों की मृत्यु होना बेहद गंभीर है। जानकार सूत्रों के अनुसार, घटना की गंभीरता को देखते हुए ही प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जानकारी ली है। रघु शर्मा ने जानना चाहा कि सेंट्रल लाइन में ऑक्सीजन के प्रवाह में गड़बड़ी कैसे हुई? क्या इस मामले में कोई लापरवाही बरती गई? अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों ने अपने नजरिए से मंत्री को जवाब दिया है, लेकिन इस घटना को बेहद गंभीर माना जा रहा है।

जांच कराकर दोषियों के खिलाफ की जाए कार्रवाईः वासुदेव देवनानी

पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के कोविड वार्ड में शुक्रवार की देर रात ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा आने से दो मरीजों के दम तोड़ने के मामले में सरकार को एक्सपर्ट कमेटी से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इतने बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा आना और मरीजों के दम तोड़ने की घटना वाकई चिंताजनक और शर्मनाक है। इससे सरकार की लचर चिकित्सा व्यवस्था भी जाहिर होती है। उन्होंने कहा कि हालांकि डाॅक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने पाइप लाइन में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने पर स्थिति से निपटने की पूरी कोशिश की और दौड़कर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर भी आए, लेकिन तब तक दो मरीज दम तोड़ चुके थे। इससे जाहिर होता है कि अस्पताल की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह फेल रही है। उसने ऑक्सीजन पाइप लाइन में सप्लाई नियमित रूप से बनाए रखने की कोई व्यवस्था नहीं की। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ऑक्सीजन की सप्लाई नियमित रूप से बनाए रखने की व्यवस्था करता तो इन दोनों मरीजों का जीवन बचाया जा सकता था।

उन्होंने अस्पताल प्रशासन, जिला प्रशासन और सरकार से नेहरू अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन पाइप लाइन के अलावा हर वार्ड में दो-दो बेडों के बीच एक-एक ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्या आने पर सिलेंडर से ऑक्सीजन देकर मरीजों की जान बचाई जा सके। उन्होंने सरकार से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए सभी एहतियाती उपाय करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा आने के कारण वार्ड 28 की भाजपा पार्षद भारती जांगिड़ की भी मृत्यु हो गई थी। पिछले दस दिन के भीतर ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा आने से मरीजों के दम तोड़ने का यह दूसरा मामला है, जो बेहद गंभीर, चिंताजनक, शर्मनाक और अमानवीय है। सरकार, अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन को इसकी ओर तुरंत प्रभाव से ध्यान देना चाहिए।

विधायक अनिता भदेल ने मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

अजमेर दक्षिण विधायक व पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन अजमेर जिलाधीश को सौपा। विधायक भदेल ने बताया कि अजमेर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित होने व फ्लक्चुएशन के कारण आए दिन मरीजों की मृत्यु होना चिकित्सालय प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। ऑक्सीजन लेवल गिर जाने कारण गंभीर मरीजो को रिकवर करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण 21 मई अजमेर देहली गेट निवासी भगवती देवी एवं परबतसर बिदियाद निवासी संतोष व पूर्व में पार्षद भारती जांगिड की मृत्यु हो गई। अपुष्ट सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि मृतकों की संख्या दो के स्थान पर सात है। अतः विषय की गंभीरता को लेते हुए तुरंत कार्यवाही की जाए व निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही, चिकित्सालय प्रशासन द्वारा लापरवाही करने वाले कार्मिकों के विरुद्व करवाई की जाए एवं मृतक के परिवारजन को पचास लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाए। उन्होंने सरकार से कहा कि अप्रैल व मई के पानी व बिजली के बिलो को स्थगित करने की जगह उन्हें माफ किया जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके। ज्ञापन देने में आदर्श मंडल अघ्यक्ष अरुण शर्मा, महामंत्री हितेश ढाबरिया, पार्षद देवेन्द्र सिंह शेखावत मनीष भडाणा उपस्थित रहे।

किशनगढ़ हवाई अड्डे के कार्मिक की मौत

राजस्थान में अजमेर के किशनगढ़ हवाई अड्डे के एक कार्मिक की बीमार होने पर मौत हो गई।

हवाई अड्डा सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा प्रभारी नवीन थेपलियान (40) की मृत्यु हो गई। प्रथम दृष्टया वह निमोनिया से पीड़ित बताए जा रहे हैं। राजकीय यज्ञनारायण अस्पताल किशनगढ़ से उनकी पार्थिव देह को सड़क मार्ग के जरिए देहरादून भिजवाया जा रहा है जहां उनका अंतिम संस्कार होगा। मृतक नवीन के निधन से हवाई अड्डे के स्टाफ में शोक व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि कोरोना लॉकडाउन के चलते हवाई अड्डे से हैदराबाद के अलावा सभी उड़ानें 31 मई तक बंद हैं।

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