Rajasthan: चित्तौड़गढ़ के अस्थायी आइसोलेशन सेंटर की खिड़की तोड़कर भागे तीन बाल अपचारी

Temporary Isolation Center सुबह अंधेरा छंटने से पहले ही तीन बाल अपचारियों ने अस्थायी आइसोलेशन सेंटर की खिड़की के सरिए निकाले तथा भाग निकले। इसका पता सुबह आठ बजकर 40 मिनट पर लगा। इसकी सूचना सेंटर के प्रबंधक ने पुलिस को दी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 04:10 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 04:10 PM (IST)
Rajasthan: चित्तौड़गढ़ के अस्थायी आइसोलेशन सेंटर की खिड़की तोड़कर भागे तीन बाल अपचारी
अस्थायी आइसोलेशन सेंटर की खिड़की तोड़कर बाल अपचारी फरार।

उदयपुर, संवाद सूत्र। Temporary Isolation Center: कोरोना जांच रिपोर्ट आने तक बाल अपचारियों को रखने के लिए बनाया गए अस्थायी आइसोलेशन सेंटर की खिड़की तोड़कर मंगलवार को तीन बाल अपचारी फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा। चित्तौड़गढ़ शहर के गाड़ी लोहार स्कूल परिसर में स्थित छात्रावास की दूसरी मंजिल को अस्थायी रूप से आइसोलेशन सेंटर बनाया हुआ था। सोमवार को इसमें तीन बाल अपचारियों को रखा गया था। जिनकी कोरोना जांच का इंतजार था। कोरोना निगेटिव आने पर यहां से बाल अपचारियों को बाल सुधार गृह भेज दिया जाता, जबकि पॉजिटिव आने पर उन्हें पुलिस की पहरेदारी में उपचार के लिए जिला कोविड सेंटर में भर्ती कर दिया जाता।

मंगलवार सुबह अंधेरा छंटने से पहले ही तीनों बाल अपचारियों ने अस्थायी आइसोलेशन सेंटर की खिड़की के सरिए निकाले तथा भाग निकले। इसका पता सुबह आठ बजकर 40 मिनट पर लगा। इसकी सूचना सेंटर के प्रबंधक ने पुलिस को दी। जिस पर समूचे शहर में नाकाबंदी करी गई लेकिन कई घंटा बीतने के बावजूद उनका पता नहीं चला।

श्रमिक की मौत, सत्रह लाख का मुआवजा देगी सीमेंट कंपनी

चित्तौड़गढ़ शहर के उपनगरीय क्षेत्र चंदेरिया स्थित बिरला सीमेंट फैक्ट्री के साईंलो प्लांट में सोमवार देर रात हुए हादसे में श्रमिक शाम हुए हादसे में श्रमिक ज्ञान सागर लौहार (40) की मौत हो गई। सीमेंट कंपनी प्रबंधन ने इस घटना को लेकर मृतक के परिजनों को सत्रह लाख रुपये के मुआवजे के साथ दो बेटों को नौकरी देने की घोषणा की है। इससे पहले मुआवजे की राशि को लेकर मंगलवार सुबह श्रमिक और कंपनी प्रबंधन के बीच बातचीत में

निर्णय हुआ। पूर्व में परिजन पचास लाख रुपये के मुआवजे की मांग पर अड़े थे। बताया गया कि श्रमिक ज्ञानचंद लोहार पिछले बीस साल से बिरला सीमेंट फैक्ट्री के साइलो पैकिंग प्लांट में फिटर पद पर कार्यरत था। बिरला

सीमेंट प्रबंधन व परिजनों के बीच 17 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के साथ ज्ञानचंद के दो पुत्रों को नौकरी देने पर सहमति बनी। कंपनी के वादे के बाद परिजनों ने श्रमिक के शव का पोस्टमार्टम कराया और अंतिम संस्कार किया।

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