राजस्थान में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अलग से पहचान-पत्र बनेंगे- भिखरियों के लिए फ्रेंडली डिटेंशन सेंटर भी बनेंगे

गहलोत सरकार ट्रासजेंडर समुदाय को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए योजना चलाएगी। राज्य सरकार अब प्रदेश के 16 हजार 517 ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग से पहचान-पत्र बनाएगी।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 08 Feb 2020 11:24 AM (IST) Updated:Sat, 08 Feb 2020 11:24 AM (IST)
राजस्थान में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अलग से पहचान-पत्र बनेंगे- भिखरियों के लिए फ्रेंडली डिटेंशन सेंटर भी बनेंगे
राजस्थान में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अलग से पहचान-पत्र बनेंगे- भिखरियों के लिए फ्रेंडली डिटेंशन सेंटर भी बनेंगे

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ट्रासजेंडर समुदाय को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए योजना चलाएगी। राज्य सरकार अब प्रदेश के 16 हजार 517 ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग से पहचान-पत्र बनाएगी। अलग पहचान-पत्र के माध्यम से ट्रासजेंडर्स को सरकारी नौकरी सहित अन्य सरकारी योजनाओं का प्राथमिकता से लाभ मिलेगा।

ट्रासजेंडर्स को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने से लेकर अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा। प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल ने कहा की कार्मिक विभाग के साथ मिलकर नियम बनाए जा रहे हैं जिससे सरकारी नौकरी में भी इस समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने बताया कि जयपुर में भिखारियों के लिए फ्रेंडली डिटेंशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके बाद प्रदेश के अन्य शहरों में इसी तरह के सेंटर बनेंगे।

जिला कलेक्टर करेंगे गणना

भंवरलाल मेघवाल ने बताया कि अब तक प्रदेश में एकमात्र ट्रांसजेंडर को फीमेल कोटे से पुलिस में नौकरी मिली है। उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अलग से पहचान-पत्र बनाने के लिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को आदेश जारी किए जाएंगे। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति अपने-अपने जिलों में ट्रासजेंडर्स की गणना करेगी। उन्होंने बताया कि कि प्रदेश में वैसे तो ट्रांसजेंडर समुदाय की संख्या एक लाख से अधिक है, लेकिन जनगणना के आधार पर राज्य में 16 हजार 517 ट्रांसजेंडर है।

उन्होंने गुरूवार को राजस्थान ट्रासजेंडर कल्याण बोर्ड की बैठक ली,जिसमें ट्रांसजेंडर समुदाय की समस्याओं पर मंथन किया गया। बैठक के बाद किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष पुष्पा माई भी मौजूद थी।

भिखारियों को पकड़ने का काम पुलिस करेगी

जयपुर सहित प्रदेश के प्रमुख शहरों को भिखारियों मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। भिखारियों को पकड़ने का टास्क पुलिस को दिया गया है। अब तक स्थानीय निकाय के पास यह काम था। मेघवाल ने बताया कि स्थानीय भिखारियों को पकड़कर रोजगार पर लगाया जाएगा,वहीं बाहरी लोगों को अपने घर भेजा जाएगा । उन्होंने बताया कि जयपुर में एक फेंडली डिटेंशन सेंटर बनाया जाएगा। एनजीओ के सहयोग से चलाया जाने वाले इस डिटेंशन सेंटर में भोजन की व्यवस्था से लेकर स्कील डवलपमेंट तक की सुविधाएं होगी। उन्होंने बताया कि डिटेंशन सेंटर संचालित करने के लिए एनजीओ को सरकार प्रति भिखारी पैसा देगी। 

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