स्कूली बच्चे पढ़ेंगे निरोगी राजस्थान का पाठ, राज्य सरकार ने प्रिवेंटिव हेल्थ का शुरू किया कार्यक्रम

सीएम ने इसके लिए जल्द ही एक निरोगी हेल्पलाइन शुरू करने के निर्देश दिए जिससे उस पर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परामर्श आसानी से मिल सके।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 11:28 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 11:28 PM (IST)
स्कूली बच्चे पढ़ेंगे निरोगी राजस्थान का पाठ, राज्य सरकार ने प्रिवेंटिव हेल्थ का शुरू किया कार्यक्रम
स्कूली बच्चे पढ़ेंगे निरोगी राजस्थान का पाठ, राज्य सरकार ने प्रिवेंटिव हेल्थ का शुरू किया कार्यक्रम

जागरण संवाददाता, जयपुर। अशोक गहलोत सरकार निरोगी राजस्थान अभियान को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करेगी। प्रदेश के बच्चे अब स्कूलों में निरोगी रहने का पाठ पढ़ेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर इस बिंदू को पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू होगी। गहलोत की पहल पर राज्य सरकार ने प्रिवेंटिव हेल्थ का इतना बड़ा कार्यक्रम शुरू किया है जो प्रदेशभर के लोगों को फिट रहने और उचित उपचार के लिए प्रेरित करेगा।

जल्द ही निरोगी हेल्पलाइन शुरू करने के निर्देश

सीएम ने इसके लिए जल्द ही एक निरोगी हेल्पलाइन शुरू करने के निर्देश दिए, जिससे उस पर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परामर्श आसानी से मिल सके। सीएम ने कहा कि अभियान के तहत राज्य सरकार प्रदेश के सभी नागरिकों का डिजिटल हेल्थ सर्वे करवाएगी, जिससे हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की जानकारी उपलब्ध होगी। नर्सिंग स्टाफ और आशा सहयोगिनियों के माध्यम से किया जाने वाला डिजिटल सर्वे प्रदेश के लोगों को निरोगी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। गहलोत ने कहा कि लोगों को उनके घर के पास ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए भामाशाहों, एनजीओ और विधायक कोष के सहयोग से जनता क्लिनिक खोले जाएं।

रिफाइनरी के निकट बनेगी टाउनशिप

बाड़मेर में स्थापित होने वाली रिफाइनरी राजस्थान सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना है। रिफाइनरी के काम पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद लगातार निगरानी रख रहे हैं। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन के माध्यम से रिफाइनरी स्थापित करने के काम में तेजी चल रहा है। काम में तेजी आने के साथ ही अब देश के प्रतिष्ठित आर्किटेक्ट फर्म सीपी कुकरेजा ने रिफाइनरी के पास ही कर्मचारियों के लिए टाउनशिप डिजाइन की है। रेतीले धोरों के बीच स्थापित होने वाली इस टाउनशिप में राजस्थानी वास्तुकला, इमारत की कम ऊंचाई और गर्मी के दिनों में उड़ने वाली रेती का ध्यान रखा गया है। एचपीसीएल अधिकारियों का दावा है कि यह टाउनशिप जल संरक्षण और प्रबंधन के लिहाज से मॉडल साबित होगी।

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