राज्यसभा चुनाव, भाजपा ने साधे एक तीर से कई निशान

भाजपा ने राजस्थान से राज्यसभा की 3 सीटों के लिए नाम घोषित कर दिए है ।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 12 Mar 2018 01:54 PM (IST) Updated:Mon, 12 Mar 2018 01:54 PM (IST)
राज्यसभा चुनाव, भाजपा ने साधे एक तीर से कई निशान
राज्यसभा चुनाव, भाजपा ने साधे एक तीर से कई निशान

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। भाजपा ने राजस्थान से राज्यसभा की 3 सीटों के लिए नाम घोषित कर दिए है । पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव को एक बार फिर राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया गया,इनके नाम की घोषणा पहले ही कर दी गई थी ।

यादव वर्तमान में भी राजस्थान से ही राज्यसभा सदस्य हैं। वहीं रविवार को ही अपनी पार्टी राजपा का भाजपा में विलय करने वाले विधायक किरोड़ी लाल मीणा और मदन लाल सैनी को भी राज्यसभा में भेजने का फैसला किया गया है। तीनों नेता सोमवार को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। तीनों ही नाम करीब 8 माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिहाज से तय किए गए हैं।

राज्यसभा चुनाव के लिए नाम घोषित होने से बाद से माना जा रहा है कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। यादव के अतिरिक्त दो अन्य उम्मीदवारों के नामों की घोषणा दो बड़े वोट बैंक को साधने के लिहाज से की गई है। किराड़ी लाल मीणा को प्रदेश के मीणा समाज का सबसे बड़ा नेता माना जाता है । प्रदेश के पांच जिलों की करीब चार दर्जन विधानसभा सीटों पर मीणा का प्रभाव है। मीणा करीब 10 साल पहले भाजपा छोड़कर राजपा में शामिल हुए थे,लेकिन रविवार को वे फिर पार्टी में शामिल हो गए। किरोड़ी लाल को भाजपा में शामिल कर राज्यसभा में भेज कर भाजपा ने पूर्वी राजस्थान के मीणा वोट बैंक को साधने का प्रयास किया है। वहीं तीसरे उम्मीदवार मदन लाल सैनी भाजपा के वरिष्ठ नेता है,वे एक बार विधायक रह चुके हैं।

सैनी को राज्यसभा में भेजने का निर्णय कर भाजपा ने प्रदेश के माली समाज को अपने पक्ष में करने की रणनीति बनाई है। प्रदेश के पुराने राजनीतिज्ञों का मानना है राज्य में मीणा और गुर्जर समाज के बीच हमेशा टकराव रहा है। प्रदेश कांग्रेस की कमान सचिन पायलट के हाथ में सौंपे जाने के बाद से गुर्जर समाज तो कांग्रेस के पक्ष मे पूरी तरह से लामबंद हुआ है,लेकिन मीणा समाज थोड़ा दूर होता जा रहा था,अब किरोड़ी लाल को राज्यसभा में भेजकर भाजपा ने मीणा समाज को अपने साथ मजबूती से जोड़ने की रणनीति बनाई है।

इसी तरह प्रदेश कांग्रेस में पायलट की बढ़ती पकड़ से माली समाज को लग रहा है कि उनके समाज के नेता अशोक गहलोत का प्रभाव कांग्रेस में कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं । अब मदन लाल सैनी को टिकट देकर माली समाज को भाजपा ने अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया है ।  

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