गहलोत सरकार के लिए संकट मोचक बनेगी बीटीपी, पार्टी अध्यक्ष बोले- हम किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे

कांग्रेस के 19 विधायकों की बगावत और 3 निर्दलीयों के सचिन पायलट का साथ देने के कारण बहुमत के किनारे पर खड़ी गहलोत सरकार के लिए भारतीय ट्राइबल पार्टी का समर्थन वरदान साबित होगा।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 10:16 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 10:23 AM (IST)
गहलोत सरकार के लिए संकट मोचक बनेगी बीटीपी, पार्टी अध्यक्ष बोले- हम किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे
गहलोत सरकार के लिए संकट मोचक बनेगी बीटीपी, पार्टी अध्यक्ष बोले- हम किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा।  काफी जद्दोजहद के बाद राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति दे दी। करीब दो सप्ताह तक राज्यपाल और अशोक गहलोत सरकार के बीच टकराव चला। आखिरकार राज्यपाल ने बुधवार राज गहलोत मंत्रिमंडल की सिफारिश मानते हुए सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है। विधानसभा सत्र वैसे तो कोरोना महामारी पर विचार को लेकर बुलाया जा रहा है। लेकिन गहलोत सरकार का असली मकसद बहुमत साबित करना है।

सरकार सत्र के दौरान आधा दर्जन विधेयक सदन में पेश करेगी, इसके लिए व्हिप जारी किया जाएगा। सरकार का मानना है कि सचिन पायलट सहित उनके समर्थक 19 विधायकों अपनी सदस्यता बचाए रखने के लिए सदन में आकर सरकार के पक्ष में मतदान करना होगा, यदि खिलाफ मतदान करेंगे गहलोत सरकार स्पीकर के माध्यम से उन्हे अयोग्य ठहराने की कार्रवाई करेगी।

सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के 19 विधायकों की बगावत और 3 निर्दलीयों के सचिन पायलट का साथ देने के कारण बहुमत के किनारे पर खड़ी गहलोत सरकार के लिए भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) का समर्थन वरदान साबित होगा। पहले बीटीपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने बीटीपी के दो विधायकों रामप्रसाद डिंडोर व राजकुमार रोत को तटस्थ रहने की हिदायत दी थी। लेकिन सीएम गहलोत व कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अहमद पटेल के प्रयासों के बाद बीटीपी ने यू-टर्न ले लिया। अब ने बीटीपी ने खुल कर अशोक गहलोत की सरकार का समर्थन कर दिया है।

पहले का फैसला बदला

प्रदेश में 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के आदिवासी इलाकों में भाजपा और कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी बीटीपी ने दावा किया था कि राज्य के राजनीतिक संकट के समाधान में उसकी भूमिका निर्णायक होगी।

गुजरात आधारित पार्टी के महेशभाई सी वसावा ने कहा, वर्तमान राजनीतिक स्थिति में हम किंग मेकर बनने की स्थिति में हैं। सीएम गहलोत ने आदिवासी इलाकों में विकास और आदिवासी हितों से जुड़ी मांगें मानने के आश्वासन के बाद हमने अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि आदिवासी मामलों को लेकर हम कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ खड़े थे, लेकिन सरकार ने अब हमारे मुद्दों पर साथ देने का आश्वासन दिया है। इस कारण हम सरकार को पूरा समर्थन दे रहे हैं। आखिरकार सरकार आदिवासी कल्याण और विकास के एजेंडे को पूरा कर रही है। अगर बहुमत साबित करने को लेकर मतदान हुआ तो पार्टी के दोनों विधायक गहलोत सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे।

विधायक राजकुमार रोत का कहना है कि हमने सीएम गहलोत को 17 मांगों का मांग-पत्र सौंपा उन्होंने उसे मानने का आश्वासन दिया तो हमने फैसला बदल दिया, अब हम उनके साथ हैं।

गुजरात की पार्टी है बीटीपी

2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव से पूर्व 2017 में गुजरात से राजस्थान में प्रवेश करने वाली पार्टी ने राजस्थान के दक्षिण इलाकों के आदिवासी क्षेत्र में 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे और दो विधायकों ने जीत दर्ज की थी। अधिकतर पार्टी उम्मीदवार युवा थे और रोत जब चुनाव जीते थे उस समय केवल 26 साल के थे। गुजरात से सटे डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व उदयपुर जिलों में बीटीपी का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।

200 सदस्यीय विधानसभा में यह है दलीय स्थिति

- सीएम अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस के 100 विधायकों में से कांग्रेस के 87,10 निर्दलीय,2 बीटीपी,रालोद व माकपा के 1-1 । इस तरह कुल संख्या 102 हो गई ।

- सचिन पायलट के साथ कांग्रेस के बागी 19 व 3 निर्दलीय ।

- भाजपा 72 व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायक । इस तरह कुल संख्या 75 हो गई।

- माकपा का एक विधायक फिलहाल तटस्थ है । 

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