Ashok Gehlot: राजस्थान के 12943 गांव अभावग्रस्त घोषित, केंद्र से गहलोत ने मांगे 2,645 करोड़

CM Ashok Gehlot. मानसून के मौसम में भारी बारिश के कारण फसल को काफी नुकसान होने की बात कहते हुए गहलोत सरकार ने केंद्र को एक ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Thu, 07 Nov 2019 04:57 PM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 04:57 PM (IST)
Ashok Gehlot: राजस्थान के 12943 गांव अभावग्रस्त घोषित, केंद्र से गहलोत ने मांगे 2,645 करोड़
Ashok Gehlot: राजस्थान के 12943 गांव अभावग्रस्त घोषित, केंद्र से गहलोत ने मांगे 2,645 करोड़

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan CM Ashok Gehlot. राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 2,645 करोड़ रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने की मांग की है। मानसून के मौसम में भारी बारिश के कारण फसल को काफी नुकसान होने की बात कहते हुए गहलोत सरकार ने केंद्र को एक ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले ज्ञापन में केंद्र सरकार से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में किसानों को कृषि आदान अनुदान देने के लिए करीब 1642 करोड़ रुपये और भूमि कटाव से हुए नुकसान के मुआवजे के लिए 369 करोड़ रुपये की मांग की गई है। इसके साथ ही भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत के लिए 395 करोड़ रुपये मांगे गए हैं।

सरकार ने प्रदेश में 18 जिलों के 12 हजार 943 गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया है। सरकार का कहना है कि भारी बारिश के कारण प्रदेश के 49 लाख से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं। सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराने को लेकर केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजने के साथ ही अधिकारियों की टीम भी दिल्ली भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के अधिकारियों को केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय कायम कर यह राशि शीघ्र जारी कराने के निर्देश दिए हैं।

राजस्थान आपदा प्रबंधन व सहायता विभाग द्वारा तैयार ज्ञापन में शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ड्रेनेज की मरम्मत तथा बिजली आपूर्ति में सुधार कार्यों के लिए भी राशि मांगी गई है। इसके लिए राज्य में सर्वे और गिरदावरी करवाकर बारिश और इससे जुड़े हादसों से जान-माल, पशुधन, फसलों और अन्य परिसंपत्तियों को हुए नुकसान का आंकलन किया गया है। भारी बारिश, जलभराव, बाढ़ से मानव जीवन, पशुधन, आवासीय भवनों, कैटलशेड व सार्वजनिक परिसंपत्तियों को हुए वास्तविक नुकसान का आकलन कर उसके आधार पर नियमानुसार सहायता राशि की मांग भी इस ज्ञापन में की गई है।

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