Rajasthan: किसानों के मुद्दे पर राजस्थान विधानसभा में हंगामा, स्पीकर ने खत्म कराया विपक्ष का धरना

Rajasthan Assembly. राजस्थान विधानसभा में हंगामे के बीच जन आधार प्राधिकरण गठित करने संबंधी विधेयक मामूली चर्चा के साथ पारित हो गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 06:50 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 06:50 PM (IST)
Rajasthan: किसानों के मुद्दे पर राजस्थान विधानसभा में हंगामा, स्पीकर ने खत्म कराया विपक्ष का धरना
Rajasthan: किसानों के मुद्दे पर राजस्थान विधानसभा में हंगामा, स्पीकर ने खत्म कराया विपक्ष का धरना

जयपुर, जेएनएन। Rajasthan Assembly. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को सरकार की ओर से लाए कृषक कल्याण कोष के बारे में लाए गए संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के बीच तकरार हो गई। धारीवाल की एक टिप्पणी पर कटारिया बेहद उत्तेजित हो गए और इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के बीच जन आधार प्राधिकरण गठित करने संबंधी विधेयक मामूली चर्चा के साथ पारित हो गया। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री की टिप्पणी और प्रतिपक्ष के सदस्यों को बोलने का मौका नहीं देने के विरोध में प्रतिपक्ष के सदस्यों ने सदन में ही अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। हालांकि बाद में स्पीकर सीपी जोशी वैल में बैठे प्रतिपक्ष के सदस्यों से मिलने गए और उनके आश्वासन के बाद प्रतिपक्ष ने धरना समाप्त कर दिया।

हंगामे की शुरुआत तब हुई, जब कृषक कल्याण कोष के बारे में लाए गए राजस्थान कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक पर हुई चर्चा का संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल जवाब दे रहे थे। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए धारीवाल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया पर उनके मंत्रीकाल के समय को लेकर टिप्पणी कर दी। धारीवाल की इस टिप्पणी पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया बेहद उत्तेजित हो गए। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कहा हो तो सदन में रिकाॅर्ड पेश करो। यदि ऐसी बात निकलेगी तो मैं तुरंत सदन छोड़ दूंगा। उन्होंने सत्ता पक्ष पर असत्य बोलने के आरोप लगाए।

इसी बात पर जबरदस्त हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के बीच ही स्पीकर सीपी जोशी ने यह विधेयक पारित करा दिया। इस पर विपक्ष के सदस्य विरोध करते हुए बहिर्गमन कर गए। इसी बीच, स्पीकर ने जन आधार प्राधिकरण गठित किए जाने के संबंध में रखे विधेयक पर चर्चा शुरू कराई और विधेयक पर बोलने वाले प्रतिपक्षी सदस्यों के नाम बोलने शुरू किए। चूंकि प्रतिपक्ष के सदस्य बहिर्गमन कर गए थे, इसलिए वहां मौजूद नहीं थे, हालांकि नाम पुकारते पुकारते प्रतिपक्ष के सदस्य आने लगे थे।

भाजपा सदस्य अशोक लाहोटी ने कहा कि वे बोलना चाहते हैं, लेकिन स्पीकर ने कहा कि जब नाम पुकारा गया तो आप नहीं थे। प्रतिपक्ष के सदस्य उन्हें बोलने देने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। इसी दौरान स्पीकर ने निर्दलीय और सत्ता पक्ष के सदस्यों के नाम बोले। इन सदस्यों के भाषण के दौरान भी हंगामा जारी रहा और इस हंगामे के बीच ही यह विधेयक मामूली चर्चा के साथ पारित हो गया। दिन की कार्यसूची समाप्त होने के कारण स्पीकर ने सदन की बैठक बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।

इसके बाद प्रतिपक्ष के सदस्य विधानसभा में ही धरने पर बैठ गए। सदस्यों ने तय किया कि जब तक उन्हें सही ढ़ंग से अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता, तब तक धरना जारी रहेगा। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि हम संसदीय कार्य मंत्री की बेहूदी टिप्पणी और हमें सदन में बोलने देने के अधिकार में कटौती के खिलाफ यह धरना दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा यह धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक हमाारी मांग नहीं मानी जाती। हम बुधवार को प्रश्नकाल से ही अपना विरोध शुरू करेंगे और गुरुवार को मुख्यमंत्री के बजट भाषण के दौरान भी विरोध करेंगे।

स्पीकर ने किया हस्तक्षेप

कार्यवाही समाप्त होने के बाद करीब एक घंटे तक धरना चला। इस बीच, स्पीकर सीपी जोशी प्रतिपक्ष के सदस्यों से बात करने आए। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने मीडिया से बातचीत में बताया कि स्पीकर ने कहा कि जो टिप्पणी की गई है, वह कार्यवाही से निकाली जाएगी। इसके अलावा और भी कोई शिकायत है तो दूर की जाएगी। कटारिया ने बताया कि जोशी के आश्वासन के बाद हमने धरना खत्म कर दिया है।

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