Rajasthan: गर्मियों में पेयजल की समस्या से निपटने की तैयारी शुरू
Water Problem. जलदाय विभाग ने पेयजल आर्पूति सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आकस्मिक कार्यों के लिए 50-50 लाख रुपये की राशि दी है।
जयपुर, जेएनएन। Water Problem. मार्च की दस्तक के साथ राजस्थान में गर्मियों में पेयजल की समस्या से निपटने की तैयाारी शुरू हो गई है। जलदाय विभाग ने पेयजल आर्पूति सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आकस्मिक कार्यों के लिए 50-50 लाख रुपये की राशि खर्च करने की स्वीकृति प्रदान की है। इसके तहत जिला कलक्र्टस की अनुशंषा पर संबंधित क्षेत्र के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अपने अधीन आने वाले सभी जिलों में 50 लाख रुपये तक की सीमा में पेयजल व्यवस्था सुचारू रखने के लिए स्वीकृतियां जारी कर सकेंगे।
राजस्थान में वैसे तो पिछले वर्ष मानसून में अच्छी बारिश हुई थी और ज्यादातर जिलों के तालाब आदि भर गए थे, लेकिन राजस्थान में गर्मी तेज पड़ती है और पानी तेजी से उड़ता है। ऐसे में गर्मी आते ही पेयजल की समस्या शुरू हो जाती है। इसी को देखते हुए अभी से तैयारी की जा रही है। जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने गर्मियों और इंदिरा गांधी कैनाल परियोजना क्षेत्र में नहरबंदी के संबंध में सभी जिलों के कलक्टरों को अपने-अपने जिलों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 50 लाख रुपये की सीमा में आकस्मिक पेयजल व्यवस्थाओं के कार्य चिन्हित करते उनकी सूची का अनुमोदन करने को कहा है।
जिला कलक्टरों से अनुमोदन होने के बाद संबंधित अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी किए जाने के बारे में विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध मॉड्यूल के माध्यम से काम करेंगे। यादव ने बताया कि प्रत्येक जिले के लिए स्वीकृत धनराशि का उपयोग विभागीय नियमों और प्रावधानों का पालन करते हुए अधिकतम उपभोक्ताओं को लाभांवित करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। अधिकारियों को स्वीकृत किए जाने वाले कार्यों को एक निश्चित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गर्मी के मौसम में प्रभावित उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की जा सके। सभी जिलों में 50 लाख रुपये की सीमा में ही खर्च की अनुमति होगी, अगर किसी स्थान इस सीमा के बाहर व्यय की आकस्मिक जरूरत होगी तो सक्षम स्तर से इस बारे में विचार करते हुए निर्णय लिया जाएगा। सभी जिला कलक्टर्स को इस संबंध में उनके स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठक में स्वीकृत किए जाने वाले कार्यों की प्रगति की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
जलदाय मंत्री डॉ. कल्ला ने मार्च माह के अंतिम सप्ताह में 9 जिलों श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर एवं झुंझुनू के क्षेत्रों में इंदिरा गांधी नहर में मार्च माह के अंतिम सपताह से प्रस्तावित नहरबंदी के मद्देनजर संबंधित अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए की जाने वाली गतिविधियों की रिर्पोट भी मुख्य अभियंता शहरी एवं ग्रामीण के माध्यम से भिजवाने के निर्देश दिए हैं। इंदिरा गांधी नहर परियोजना के नौ जिलों में नहरबंदी के दौरान कम गहराई के नलकूप, ग्रामीण एवं शहरी पेयजल परियोजना क्षेत्रों में जल परिवहन, निजी जल स्रोतों को किराए या लीज पर लेने, नई जल संरचनाएं तैयार करने, पाइप या जम्बो पम्पसैट्स के माध्यम से पानी को लिफ्ट करने के लिए इस धनराशि का उपयोग किया जाएगा।