Rajasthan: गलती करना मानवीय है और क्षमा करना ईश्वरीय है: हाईकोर्ट

Rajasthan हाईकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने कम अंक अपलोड करने के कारण नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती में चिकित्सा विभाग को दिसंबर के दूसरे सप्ताह में दस्तावेज सत्यापन कर मेरिट अनुसार याची को 60 दिन के भीतर नियुक्ति देने के आदेश दिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 06:50 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 06:50 PM (IST)
Rajasthan: गलती करना मानवीय है और क्षमा करना ईश्वरीय है: हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा, गलती करना मानवीय है और क्षमा करना ईश्वरीय है। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: गलती करना मानवीय है और क्षमा करना ईश्वरीय है, इसलिए बेरोजगार युवाओं के मामले में राज्य सरकार को अनजाने में की गई त्रुटि, जो सद्भाविक हो व अभ्यर्थी के आचरण को दर्शित नहीं करता हो को क्षमा करने की सहृदयता दर्शानी चाहिए। ये कहते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने कम अंक अपलोड करने के कारण नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती में चिकित्सा विभाग को दिसंबर के दूसरे सप्ताह में दस्तावेज सत्यापन कर मेरिट अनुसार याची को 60 दिन के भीतर नियुक्ति देने के आदेश दिए। डेगाना निवासी सुमन इनाणिया ने हाईकोर्ट में याचिका पेश कर बताया कि ई मित्र की गलती की वजह से उसके कम अंक अपलोड किए गए।

इसके आधार पर चिकित्सा विभाग ने उसे नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती में योग्य होने के बावजूद अयोग्य करार दे दिया, जबकि उसके दस्तावेजों की जांच ही नहीं की गई। सिर्फ अपलोड किए गए दस्तावेजों को ही स्वीकार किया गया। उसके अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने कहा कि मानवीय भूल के कारण ई मित्र से अंकों को अपलोड करते समय कम अंक अपलोड कर दिए गए। इस पर न्यायाधीश दिनेश मेहता ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि याची आवेदन पत्र में ज्यादा अंक अपलोड कर देती तो क्या होता? ऐसी स्थिति में उसको उसके वास्तविक अंकों के आधार पर ही नियुक्ति देती। ऐसे में कम मार्क्स लिख देने से यह विभाग की ड्यूटी है कि दस्तावेज सत्यापन में उसके सही अंक को मानकर उसकी अभ्यर्थिता स्वीकार करें।

उन्होंने कहा कि यह याची की गलती है कि उसने अपने अंकों को कर्म दर्शाया, लेकिन सिर्फ इस गलती के आधार पर उससे कम योग्य को अवसर नहीं दिया जा सकता। सद्भाविक मानवीय गलती को सुधारा जा सकता है, चिकित्सा विभाग अभ्यर्थिता निरस्त नही कर सकता। उन्होंने याची की रिट याचिका स्वीकार करते हुए चिकित्सा विभाग को दिसंबर के दूसरे सप्ताह में दस्तावेज सत्यापन कर मेरिट अनुसार याची को 60 दिन के भीतर नियुक्ति देने के आदेश दिए। 

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