यहां मिलेगी देश के हर फैसले की जानकारी एक क्लिक पर

अब देश के किसी भी हिस्से और किसी भी न्यायालय के फैसले और अपराध की कहानी की जानकारी उदयपुर के मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय की रिसर्च विंग में मिल सकेगी।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 12:01 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 12:01 PM (IST)
यहां मिलेगी देश के हर फैसले की जानकारी एक क्लिक पर
यहां मिलेगी देश के हर फैसले की जानकारी एक क्लिक पर

उदयपुर, सुभाष शर्मा। अभी तक बड़े न्यायालयों के फैसले की जानकारी हम एक क्लिक पर पा सकते हैं लेकिन अब देश के किसी भी हिस्से और किसी भी न्यायालय के फैसले और अपराध की कहानी की जानकारी उदयपुर के मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय की रिसर्च विंग में मिल सकेगी। जहां विश्वविद्यालय के संगठक विधि महाविद्यालय में पहली रिसर्च लैब खुलने जा रही है।

विधि महाविद्यालय के डीन डॉ. आनंद पालीवाल का कहना है कि यहां विधि महाविद्यालय के एक हिस्से में रिसर्च विंग बनाई गई है, जिसके लिए चार कमरे और एक बड़ी लैब तैयार की गई है। यह विंग दो माह में बनकर तैयार हो जाएगी। कॉलेज ने इसके लिए ऑल इंडिया रिपोर्टर(एआईआर), नागर से एमओयू किया है। एमओयू में स्पष्ट किया गया है कि जैसे ही यह लैब शुरू हो जाएगी, देश के किसी भी हिस्से से विद्यार्थी यहां आकर कानून से जुड़ी देश की किसी भी पुस्तक को पढ़ सकेंगे।

इसके लिए प्रत्येक विद्यार्थी या प्रतियोगी परीक्षा की तैयार कर रहे अभ्यर्थियों को पंजीयन कराना होगा। यहां नेट से जुड़ी तमाम सुविधाएं विद्यार्थियों को नि:शुल्क रहेंगी। देश भर में कानून को लेकर अब तक का जितना शैक्षिक सामग्री तैयार किया गया है, वह यहां ऑनलाइन और लाइब्रेरी के रूप में उपलब्ध रहेगा। पढ़ाई के लिए हर प्रकार के अलग-अलग मामलों का ब्यौरा और इस पर कानूनविदें की ओर से किया गया कार्य या रैफरेंस पुस्तकों में मिल सकेगा।

विश्वविद्यालय विद्यार्थी को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए नि:शुल्क शिक्षण सामग्री उपलब्ध  कराएगा। लाइब्रेरी में देश के कुछ बड़े निर्णय,कानून से जुड़े बड़े-बड़े व्यक्तित्व, उच्‍चतम न्यायालय के वकीलों की महत्वपूर्ण पैरवी की भी विस्तृत जानकारी ई-बुक्स के जरिए उपलब्ध होगी।

इनका कहना है हमने एआईआर नागपुर से एमओयू किया है। रिसर्च लैब तैयार कर ली गई है। जल्द ही इसे स्थापित कर लेंगे ताकि हर विद्यार्थी, प्रतियोगी परीक्षार्थी के लिए फायदेमंद साबित हो सके। 

-डॉ. आनंद पालीवाल, डीन, लॉ-कॉलेज, मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, उदयपुर 

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