रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के जमीन मामले में 6 आरोपियों को ईडी का समन

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी से जुड़े जमीन के गलत आवंटन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने छह आरोपियों को हाजिर होने के लिए समन जारी किए हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 08 May 2016 03:46 AM (IST) Updated:Sun, 08 May 2016 03:51 AM (IST)
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के जमीन मामले में 6 आरोपियों को ईडी का समन

जयपुर [नरेन्द्र शर्मा ]। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी से जुड़े जमीन के गलत आवंटन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने छह आरोपियों को हाजिर होने के लिए समन जारी किए हैं। इन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिग एक्ट के तहत बयान देने के लिए अलग-अलग तारीखों पर बुलाया गया है। राजस्थान के बीकानेर जिले में इनके 7 ठिकानों पर ईडी ने गुरुवार को छापे डाले थे, शुक्रवार को भी ईडी के अधिकारियों ने दस्तावेज जप्त किए। जप्त दस्तावेजों में आरोपियों और उनके परिजनों की संपत्तियों के कागजात भी हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने बीकानेर की कोलायत तहसील के तत्कालीन पटवारी उमाचरण, नायब तहसीलदार फकीर मोहम्मद, रमेश कुमार,भूमाफिया जयप्रकाश, रणजीतसिंह, किशोर सिंह और गुगनगर को हाजिर होने के सम्मन दिए हैं। पेश होने पर आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।

सभी छह आरोपियों के कुल सात ठिकानों से ईडी ने घोटाले से जुड़े दस्तावेज, बैंक खातों की पासबुकें, डायरियां बरामद की हैं। आरोपियों, उनके रिश्तेदारों एवं अन्य लोगों के नाम खरीदे गए घरों और संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए हैं। जांच अधिकारी दो दिन से दस्तावेजों को खंगालने में जुटे है। घोटाले से मिली रकम का आरोपियों ने क्या किया, इसकी जांच की जा रही है। घोटाले की रकम से खरीदी गई संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा। कुर्क होने की स्थिति में संपत्तियों पर सरकार का मालिकाना हक हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि मामला बीकानेर के महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज के विस्थापितों के नाम से 275 बीघा जमीन का फर्जी आवंटन कराने से जुड़ा है। जिनके नाम से स्थानीय स्तर के अधिकारियों ने भू-माफियाओं से मिलीभगत कर जमीन का आवंटन कराया वे असली नहीं थे।

आवंटन के बाद भू-माफियाओं ने यह जमीन कई लोगों को बेच दी,बाद में इसी जमीन को रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काई लाईट्स हॉस्पिटलिटी ने खरीद ली। इस मामले में राजस्थान कांग्रेस शुरू से ही कहती रही है कि वाड्रा की कम्पनी ने कोई गलत काम नहीं किया,उन्होंने तो मार्केट से यह जमीन खरीदी थी। कम्पनी को जमीन आवंटन को लेकर कोई जानकारी नहीं थी।

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