जोधपुर में चल रहा है आसाराम का डिजिटल कंट्रोल रूम

नाबालिग के यौन उत्पीडऩ मामले में करीब दो वर्ष से जोधपुर जेल में बंद आसाराम के शिष्यों ने जोधपुर में कंट्रोल रूम बना लिया है। मेज पर दर्जनों लैपटॉप, आईफोन समेत कई इक्विपमेंट सजे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 06 Jun 2016 05:43 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jun 2016 05:46 AM (IST)
जोधपुर में चल रहा है आसाराम का डिजिटल कंट्रोल रूम

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। नाबालिग के यौन उत्पीडऩ मामले में करीब दो वर्ष से जोधपुर जेल में बंद आसाराम के शिष्यों ने जोधपुर में कंट्रोल रूम बना लिया है। मेज पर दर्जनों लैपटॉप, आईफोन समेत कई इक्विपमेंट सजे हैं। यहां बैठे एमकॉम, एमटेक, बीएससी, इलेक्ट्रिक इंजीनियर आसाराम की प्रतिदिन कोर्ट में होने वाली सुनवाई को दिनभर ट्रैक करते हैं। यहां सोशल अकाउंट अपडेट करने से लेकर प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को आसाराम की हर ताजा जानकारी भेजने का प्रतिदिन 18 घंटे चलने वाला काम होता है। यहां से जेल में बंद आसाराम की पॉक्सो एक्ट के तहत प्रतिदिन होने वाली सुनवाई का पूरा दिन ट्रैक किया जाता है। कंट्रोल रूम में दिन की शुरुआत आसाराम को जेल में डिस्पेंसरी के पास लंच पहुंचाने से होती है। जेल में शहर के आश्रम से आसाराम तक हाइजीनिक खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी कंट्रोल रूम में चेतन और विमल की है।

आश्रम के बाहर देशभर से जमा सैकड़ों समर्थकों के खाने के पैकेट और आसाराम के जेल से कोर्ट तक के सफर में साथ देने को बसों का इंतजाम भी यही से किया जाता है। आसाराम जिस रास्ते से गुजरते हैं, उसमें कहीं खड़े तो नहीं यह सुनिश्चित किया जाता है।

दिलचस्प है कि पिछले दिनों रात भर जुट कर आसाराम के साधकों ने सड़क का पैचवर्क भी किया था। सफाई भी जरूरी है क्योंकि आसाराम पुलिस की जिस गाड़ी में ले जाए जाते हैं, उसके टायर की धूल को भभूती की तरह मुंह में लेने वाले भक्तों की कमी नहीं है। पुलिस से कॉर्डिनेट करके आसाराम के भक्तों को सही जगह बताई जाती है जहां से उनकी एक झलक दिख जाए। जो भक्त जोधपुर नहीं आ सके उनके लिए इंटरनेट पर लाइव स्ट्रीम की सुविधा भी है।

आसाराम जेल से कब निकलेंगे, किस रास्ते से जाएंगे, कितने बजे कोर्ट में दाखिल होंगे, कार्रवाई चलने का वक्त, वापसी जैसी जानकारियों को वेब पेज डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.आसाराम.ओआरजी पर अपडेट किया जाता है। करीब 70 लाख लोगों को प्रतिदिन टेक्स्ट मैसेज भेज कर पल-पल की जानकारी दी जाती है। जेल में आसाराम से प्रति सप्ताह करीब 7-8 लोगों को मिलाने का काम उनके सबसे करीबी शिवा (जो खुद भी रेप मामले में आरोपी है) देखता है।

जोधपुर का यह कंट्रोल रूम देशभर में मौजूद ऐसी ही अन्य 1250 कंट्रोल रूम से जुड़ा है। कंट्रोल रूम में एक बार 19 लोगों की टीम ड्यूटी करती है और रोटेशन से ये काम होता है। कुल 17 हजार 500 युवाओं के सेवा संघ में बारी-बारी यह मौका सबको मिलता है।

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