Rajasthan Cabinet Reshuffle: राजस्थान में मंत्री नहीं बन सके छह विधायकों को सीएम अशोक गहलोत ने अपना सलाहकार बनाया

Rajasthan Cabinet Reshuffle राजस्थान सरकार ने रविवार को कैबिनेट में फेरबदल के बाद छह विधायकों जितेंद्र सिंह बाबूलाल नागर राजकुमार शर्मा संयम लोढ़ा रामकेश मीणा और दानिश अबरार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 09:23 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 09:28 PM (IST)
Rajasthan Cabinet Reshuffle: राजस्थान में मंत्री नहीं बन सके छह विधायकों को सीएम अशोक गहलोत ने अपना सलाहकार बनाया
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। फोइल एएनआइ

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रिमंडल फेरबदल में स्थान नहीं पा सके आधा दर्जन विधायकों को अपना सलाहकार नियुक्त किया है। इनमें तीन निर्दलीय विधायक शामिल हैं। यह सभी विधायक गहलोत के विश्वस्त माने जाते हैं। सीएम का सलाहकार बनने वालों में कांग्रेस विधायक जितेंद्र सिंह, राजकुमार शर्मा, दानिश अबरार, रामकेश मीणा, बाबूलाल नागर और संयम लोढ़ा शामिल हैं। इनमें मीणा, नागर और लोढ़ा निर्दलीय विधायक हैं। गहलोत नागर और लोढ़ा को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते थे, लेकिन पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने निर्दलीय विधायकों को मंत्री बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी। पायलट का तर्क था कि कांग्रेस उम्मीदवारों को चुनाव हराकर निर्दलीय विधायक बनने वालों को मंत्री बनाने से कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल उत्पन्न होगा। सूत्रों के अनुसार, पहली बार विधायक बनने वालों को अगले एक-दो दिन में संसदीय सचिव बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाएगा।

गहलोत मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल के बावजूद नाराजगी

कांग्रेस ने पंजाब के बाद अपनी राजस्थान की सरकार में व्याप्त असंतोष को थामने के लिए रविवार को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल किए। रविवार शाम राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने 11 कैबिनेट और चार राज्य मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। फेरबदल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया है। इसके जरिये जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी के आंतरिक समीकरण को साधने की कोशिश की गई है। संगठन में पद पाने वाले तीन मंत्रियों को छोड़ किसी को हटाया नहीं गया है। पहली बार चार दलित विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। अब महिला मंत्रियों की संख्या तीन, अल्पसंख्यकों की दो और आदिवासी समुदाय से दो मंत्री हो गए हैं। इस बदलाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का प्रभाव नजर आया। हालांकि असंतोष के स्वर अब भी बरकरार हैं। कई विधायकों ने मंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जताई है। बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पांच विधायकों ने भी सत्ता में भागीदारी नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है। हालांकि इन विधायकों को मनाने की कोशिश शुरू हो गई है।

सभी विधायकों को समायोजित करने का होगा प्रयास: अशोक गहलोत

बाद में मुख्यमंत्री गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पहली बार निर्वाचित हुए विधायकों को मंत्री नहीं बनाने के फार्मूले के कारण कुछ को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। सीएम के सलाहकार, संसदीय सचिव और राजनीतिक नियुक्तियां होंगी। अधिकांश विधायकों को समायोजित करने का प्रयास है। सभी वर्गों और कार्यकर्ताओं का सम्मान करने के लिए उन्होंने कहा कि चुनाव की तैयारी आज से ही शुरू हो गई है।

सचिन पायलट बोले, हमारे मुद्दों को समाधान हो गया

सचिन पायलट ने कहा कि कैबिनेट में सभी की भागीदारी है। महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। यह प्रियंका गांधी वाड्रा की घोषणा का परिणाम है। हमने जो मुद्दे उठाए थे उनका समाधान हो गया। पहली बार चार दलित कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। अनुसूचित जनजाति को भी प्रतिनिधित्व मिला है। स्वयं की भूमिका पर उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व जो भी जिम्मेदारी देगा उसे निभाऊंगा। राज्य में 2023 में सरकार बनाने के लिए काम करेंगे।

इन्हें बनाया गया है मंत्री

हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, विश्वेंद्र सिंह, महेश जोशी, रमेश मीणा, गोविंद राम मेघवाल और शकुंतला रावत नए कैबिनेट मंत्री बनने वालों में शामिल हैं। इनमें मीणा और विश्वेंद्र सिंह ने पायलट के साथ बगावत की थी। उस समय इन्हे मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। अब दोनों को फिर मंत्री बनाया गया है। वहीं, ममता भूपेश, टीकाराम जूली और भजनलाल जाटव को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया है। जाहिदा, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा और मुरारीलाल मीणा को राज्यमंत्री बनाया गया है। पुराने किसी मंत्री को नहीं हटाया गया है।

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