Positive India: Coronavirus Lockdown Effect: जयपुर के एक युवक ने लॉकडाउन के दौरान जीव-जंतुओं को 70 दिन तक खिलाया खाना

Positive India Lockdown Effect जयपुर के वीरेन शर्मा ने 70 दिन तक लॉकडाउन के दौरान पहाड़ियों व ग्रामीण इलाकों में जाकर बंदरों कुत्तों गायों व अन्य जानवरों को खाना खिलाया।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 09:48 AM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 09:48 AM (IST)
Positive India: Coronavirus Lockdown Effect: जयपुर के एक युवक ने लॉकडाउन के दौरान जीव-जंतुओं को 70 दिन तक खिलाया खाना
Positive India: Coronavirus Lockdown Effect: जयपुर के एक युवक ने लॉकडाउन के दौरान जीव-जंतुओं को 70 दिन तक खिलाया खाना

जयपुर, जागरण संवाददाता। Coronavirus Lockdown Effect: कोरोना महामारी व लॉकडाउन में जरूरतमंदों लोगों के लिए तो सरकार और सामाजिक संगठनों ने भोजन वितरित किया। लेकिन जीव-जंतुओं के लिए सरकार ने कोई प्रबंध किया। ऐसे में जयपुर के एक युवक ने 70 दिन तक खुद का पैसा खर्च कर जानवरों को खाना खिलाया। वन्यजीव प्रेमी युवा वीरेन शर्मा की ओर से जीव जंतुओं का पेट भरने के लिए की गई कोशिश काफी सराहनीय है।

वीरेन शर्मा ने 70 दिन तक लॉकडाउन के दौरान पहाड़ियों व ग्रामीण इलाकों में जाकर बंदरों, कुत्तों, गायों व अन्य जानवरों को खाना खिलाया। वीरेन शर्मा ने कभी जयपुर के गलता तीर्थ तो कभी जमवारामगढ़ की पहाड़ियों के बीच पहुंचकर बड़ी संख्या में बन्दरों को फल खिलाया तो वही शहर के विभिन्न इलाकों के आवारा कुत्तों को भी भोजन मुहैया कराया।

वीरेन शर्मा अब भी हर रोज आवारा कुत्तों के लिए 600 खाने के पैकेट तैयार करवाते हैं और शाम 5 बजे के बाद अपने साथियों के साथ इस भोजन को बांटने निकल पड़ते हैं। गायों को चारा और बंदरों को केले भी बांटते हैं। वीरेन का कहना है कि सरकारी स्तर पर इन मूक प्राणियों के लिए खाने की कोई ख़ास व्यवस्था नहीं की गई। लॉकडाउन में भोजन के लिए ये मूक प्राणी ही सबसे ज्यादा संघर्ष कर रहे थे। ऐसे में इनकी सेवा करने का मन में आया और मैं इसी काम में लग गया।

कोरोना महामारी व लॉकडाउन में जरूरतमंदों लोगों के लिए तो सरकार और सामाजिक संगठनों ने भोजन वितरित किया। लेकिन जीव-जंतुओं के लिए सरकार ने कोई प्रबंध किया। रविवार को भी जब वीरेन जमवारामगढ़ में बन्दरों के लिए 300 किलो तरबूज, 200 किलो आम और 100 किलो केले लेकर पहुंचे तो महज कुछ ही मिनट में सब कुछ खत्म भी हो गया। सोमवार को गलता की पहाड़ियों मं बंदरों को 30 किलो केले खिलाए। यह क्रम मंगलवार सुबह भी जारी रहा। इसी दौरान चींटियों के लिए भी आटा दिया। 

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