छप्पड़ में डूबने से पांच वर्षीय बच्ची की मौत

। सीमावर्ती गांव दोदे सोढि़या के रहने वाले एक मजदूर परिवार की पांच वर्षीय बच्ची समरीत कौर की खेलते हुए घर के सामने छप्पड़ में डूबने से मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:01 PM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 01:51 AM (IST)
छप्पड़ में डूबने से पांच वर्षीय बच्ची की मौत
छप्पड़ में डूबने से पांच वर्षीय बच्ची की मौत

जागरण संवाददाता, तरनतारन : सीमावर्ती गांव दोदे सोढि़या के रहने वाले एक मजदूर परिवार की पांच वर्षीय बच्ची समरीत कौर की खेलते हुए घर के सामने छप्पड़ में डूबने से मौत हो गई। परिवार ने गांव के कांग्रेसी सरपंच पर आरोप लगाया कि अवैध तौर पर छप्पड़ से करीब 15 फुट तक मिट्टी निकलवाकर बेची गई थी। इस वजह से छप्पड़ गहरा कुआं बन चुका था।

खेमकरण के गांव दोदे सोढि़या निवासी लखविंदर सिंह ने बताया कि उसके तीन बच्चे हैं। उसके घर के सामने एक छप्पड़ है। यहां से सरपंच ने 15 फुट गहराई तक मिट्टी निकलवा दी, जिससे यह छप्पड़ कुएं का रूप धारण कर गया। उसने बताया कि शुक्रवार शाम को उसकी पांच वर्षीय बच्ची समरीत कौर बच्चों के साथ खेल रही थी कि अचानक छप्पड़ में जा गिरी। अन्य बच्चों ने जब शोर मचाया गया तो ग्रामीणों की मदद से चाचा गुरजंट सिंह ने समरीत को छप्पड़ से बाहर निकाला, परंतु उसकी मौत हो चुकी थी।

मृतक बच्ची की मां मनप्रीत कौर ने आरोप लगाया कि छप्पड़ से बिना वजह मिट्टी निकाल कर उसे कुआं बना दिया गया। जिस कारण उनकी बच्ची की मौत हुई है।

उधर, सरपंच बाज सिंह ने कहा कि बच्ची के साथ जो हादसा हुआ है, उन्हें उसका दुख है। छप्पड़ से अवैध तौर पर मिट्टी नहीं निकलवाई। बल्कि छप्पड़ की सफाई करवाई गई है। पंचायत द्वारा बाकायदा प्रस्ताव पारित किया गया था। सरपंच बाज सिंह ने कहा कि लखविंदर सिंह के परिवार से उन्हें पूरी सहानुभूति है।

वहीं, थाना खालड़ा के प्रभारी जसवंत सिंह का कहना है कि पीड़ित परिवार ने कानूनी कार्रवाई से मना कर दिया है। लखविंदर सिंह ने कहा कि वह बच्ची का पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहते। जो हादसा हुआ है, उसका दर्द केवल वह ही समझ सकते हैं।

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