कोरोना के सन्नाटे को हरा रहा गलियों में बच्चों का शोर
कोरोना वायरस के खौफ ने पूरी दुनिया के कदम रोक दिए हैं। इस कारण मॉल्स स्कूल सिनेमाघर और पार्क तक बंद कर दिए गए हैं।
वायरस फैलने के डर से लोग घर कम निकल रहे हैं, मॉल्स, स्कूल, सिनेमाघर और पार्क बंद कर दिए है, बच्चे पिकनिक की तरह मना रहे यह दिन
-- माता-पिता बच्चों को कोरोना वायरस को लेकर कर रह जागरूक, इसके बाद भी बच्चे बेखौफ गलियों दोस्तों के साथ खेलों में बिता रहे वक्त
कमल कोहली, अमृतसर : कोरोना वायरस के खौफ ने पूरी दुनिया के कदम रोक दिए हैं। इस कारण मॉल्स, स्कूल, सिनेमाघर और पार्क तक बंद कर दिए गए हैं। लोग घर से भी अब कम ही बाहर निकल रहे हैं। वहीं, छुट्टियां मना रहे बच्चों को यह दिन पिकनिक की तरह लग रहे हैं। बच्चे अपना ज्यादातर समय खेलों में व्यतीत कर रहे हैं। कोरोना से बेखौफ बच्चे घरों के खुले आंगन, गलियों और आसपास के मैदान में खेलते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं, कोरोना से भयभीत माता-पिता उनको समझाने में लगे हुए हैं। दैनिक जागरण ने जब महानगर के कुछ क्षेत्रों में जाकर देखा, तो अधिकतर क्षेत्रों में बच्चें क्रिकेट, बैडमिटन, छुपा छुपी, साइकिल चलाते हुए दिखाई दिए। वहीं, कुछेक बच्चें घरों के भीतर बैठकर टीवी पर कार्टून देखते हुए दिखाई दिए।
बटाला रोड की आबादी गोकुल विहार गली नंबर चार में कुछ बच्चे क्रिकेट खेलते हुए दिखाई दिए। इशु जोकि मल्टीमीडिया का कोर्स कर रहा है, उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों से छुट्टियां पड़ी हुई हैं। घर में समय व्यतीत नही हो रहा है, इसलिए अपने साथियों के साथ क्रिकेट खेलकर समय व्यतीत कर रहे हैं। कोरोना वायरस के प्रति हम भी गंभीर है और कई बार हाथ साफ कर रहे हैं। गांव रणिके के रहने वाले आइटीआइ में बैलडर का कोर्स करने वाले शॉन, दसवीं के विद्यार्थी निखिल व ऋषि निवासी गोकुल विहार ने बताया कि कुछ समय पढ़ाई कर रहे हैं और कुछ समय खेल रहे है। वायरस के बारे में टीवी व समाचार पत्रों में काफी कुछ सुनने को मिल रहा है। हम सभी सावधानियां बरत रहे हैं। रजिदर नगर गली नंबर सात के रहने वाले वयाशी, युविका, रेया, अनन्या और भव्या भी गलियों में खेल रहे थे। उन्होंने कहा कि सुबह खेलते हैं तथा शाम को पढ़ाई करते हैं। अब नई किताबें आएंगी, तब पढ़ाई अच्छी तरह करेंगे। बटाला रोड की रहने वाली दक्ष, नीदिया, कश्यप, लीना, कपिश गली में प्लास्टिक की प्लेट के साथ खेलकर समय व्यतीत कर रहे हैं।
बच्चों को समझाना है मुश्किल
दैनिक जागरण ने जब कुछेक महिलाओं से पूछा तो उनका कहना है कि कोरोना वायरस का भय काफी है। बच्चों की सेहत के लिए उनको समझाया भी जा रहा है, लेकिन बच्चे एक जगह बैठने वाले नहीं हैं। कभी टीवी लगा लेते हैं, कभी गली में खेलने के लिए चले जाते हैं। बहुत मुश्किल के साथ बच्चों को पढ़ाने के लिए बैठाया जाता है। कोरोना वायरस के कारण स्कूलों में छुट्टियां पड़ने कारण जो बच्चें प्रात: पांच व छह बजे उठते थे, वह अब अपनी मर्जी से दस बजे तक उठते हैं। बच्चों को सिर्फ खेलने का पता है।