भक्तों ने चढ़ाया श्री बालाजी महाराज पर चोला

सुनाम शहीद ऊधम ¨सह वाला (संगरूर) पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर संत शिरोमणि इच्छापूर्ति श्री बाला चैरीटेबल ट्रस्ट द्वारा श्री मेहंदीपुर बाला जी महाराज को नया चोला चढाया गया। चोला चढ़ाने की रस्म सु¨रदर ¨सगला (भूटाल वाले) ने परिवार सहित अदा की। मंदिर के सदस्य देव राज ¨सगला व संजीव नागरा ने श्री बाला जी महाराज को चढ़ाए जाने वाले चोले का महत्व बताते हुए कहा कि श्री राम जी ने हनुमान जी को यह वरदान दिया था कि कलियुग में जो भी भक्त तुम्हें सच्चे मन से सिन्दूर (चोला) चढ़ाएगा,

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 10:59 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 10:59 PM (IST)
भक्तों ने चढ़ाया श्री बालाजी महाराज पर चोला
भक्तों ने चढ़ाया श्री बालाजी महाराज पर चोला

संवाद सहयोगी, सुनाम शहीद ऊधम ¨सह वाला (संगरूर) : पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर संत शिरोमणि इच्छापूर्ति श्री बाला चैरीटेबल ट्रस्ट द्वारा श्री मेहंदीपुर बाला जी महाराज को नया चोला चढाया गया। चोला चढ़ाने की रस्म सु¨रदर ¨सगला (भूटाल वाले) ने परिवार सहित अदा की। मंदिर के सदस्य देव राज ¨सगला व संजीव नागरा ने श्री बाला जी महाराज को चढ़ाए जाने वाले चोले का महत्व बताते हुए कहा कि श्री राम जी ने हनुमान जी को यह वरदान दिया था कि कलियुग में जो भी भक्त तुम्हें सच्चे मन से सिन्दूर (चोला) चढ़ाएगा, उसकी सभी मनोकामनाएं स्वयं श्री राम जी पूरी करेंगे। इसलिए भक्तों द्वारा उनकी मन्नत पूरी होने पर श्री बालाजी महाराज को चोला चढ़ाया जाता है। नागरा ने बताया कि हर पूर्णिमा की सुबह को श्री बाला जी महाराज को नया चोला चढ़ाया जाता है, जिसमें शुद्ध चांदी के वर्क, चमेली का तेल, सिन्दूर का प्रयोग किया जाता है। इसके बाद श्री राम स्तुति का पाठ व श्री बाला जी महाराज की आरती की गई। इस दौरान सारा माहौल जय श्री राम- जय श्री बाला जी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। सभी भगतों को श्री बालाजी महाराज की आरती के पवित्र छीटें दिए गए व महाराज को लड्डुओं का भोग लगाया गया। गौरव जनालिया ने बताया कि श्री हनुमान जी बल, बुद्धि के दाता व भक्तों की रक्षा करने वाले देवता हैं व बचपन में इन्हें सभी देवताओं का वरदान प्राप्त होने के कारण श्री बाला जी महाराज कलयुग के प्रधान देव के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने बताया कि श्री सुंदरकांड व श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने मात्र से व्यक्ति के जीवन मार्ग के बंद द्वार स्वयं खुल जाते है। इस अवसर पर मनीशा ¨सगला, रोहित गर्ग, पवन नागरा, विनोद गोयल, पंडित कमल इंद्र शर्मा, बिट्टू गुप्ता, अर्श शर्मा, मोहित गर्ग, सीताराम गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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