सूबे की 32 हजार दुल्हनों को एनआरआइ दूल्हो का इंतजार
संगरूर एनआरआई दूल्हों से परेशान लड़कियों की गिनती पंजाब में दिनों दिन बढ़ती जा रही है। विवाह करके दूल्हनों को अपने साथ विदेश लेकर जाने के सपने दिखाकर विदेशी एनआरआई दूल्हें पंजाब में लड़कियों से विवाह को रचा रहे हैं, लेकिन विदेश जाने के बाद न तो खुद भारत वापस आ रहे हैं और न ही अपनी दूल्हनों को अपने पास विदेश बुला रहे हैं। ऐसे में एनआरआई दूल्हों से विवाह रचाने के बाद यह दूल्हनें या अपने मायके घर ¨जदगी गुजारने को मजबूर हैं या दिन रात ससुराल में रहते हुए ताने सुन-सुनकर दिन व्यतीत कर रही हैं।
जागरण संवाददाता, संगरूर
प्रदेश में एनआरआइ दूल्हों से परेशान लड़कियों की गिनती दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। एनआरआइ दूल्हे पंजाब में लड़कियों से विवाह तो रचा रहे हैं, लेकिन विदेश जाने के बाद न तो खुद भारत वापस आते हैं और न ही नवविवाहिता को अपने पास विदेश बुला रहे हैं। ऐसी पीड़ित लड़कियों के लिए आवाज बुलंद करने वाली अबेंडिड वाइफ्स बाय एनआरआइ हस्बहेंड्स इंटरनेशनल संस्था लगातार केंद्र सरकार से मांग कर रही है कि आरोपित एनआरआइ दूल्हों को भारत लाने व इन लड़कियों के हक दिलाने के लिए सख्त कानून बनाए।
केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांग रखने के लिए उक्त संस्था की अगुआई में पीड़ित लड़कियों ने संगरूर में सांसद भगवंत मान से मुलाकात करके मांग पत्र भी सौंपा। सांसद भगंवत मान से मुलाकात करने पहुंची संस्था की प्रतिनिधि सत¨वदर कौर ने बताया कि एनआरआइ दूल्हों से पीड़ित लड़कियों की संख्या करीब 32 हजार से अधिक है। संस्था द्वारा किए गए प्रयासों से अब तक 100 से अधिक एनआरआइ दूल्हों के पासपोर्ट रद करवाए गए हैं व आगे भी प्रयास जारी है। उन्होंने केंद्र सरकार से एनआरआइ दूल्हों के खिलाफ सख्त कानून बनाने, पीड़ित दूल्हनों को पेंशन सुविधा, बच्चों के लिए खर्च, रहने के लिए मकान प्रदान करने सहित अन्य सुविधा प्रदान करने, विदेशों में बैठे एनआरआइ दूल्हों को भारत लाने की मांग की।
पीड़िता सीमा रानी ने बताया कि उसकी शादी कुवैत में रहते एनआरआइ से हुई थी। चार वर्ष से उसका पति भारत वापिस नहीं आया। वह अपनी बच्ची के साथ यहां अपने मायदे परिवार में रहने को मजबूर है। ससुराल वालों ने भी उसे घर से बाहर कर दिया है। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से भी मुलाकात की, जिसके बाद उसके पति का पासपोर्ट तो सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन वह अभी तक भारत वापस नहीं आया।
सांसद भगवंत मान का कहना है कि वह इस बाबत जल्द ही केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात करेंगे।