जिस मन में परमात्मा बस जाते है वहा पाप ठहर नहीं सकते : स्वामी अतुल कृष्ण

लोक कल्याण के लिए श्री पर्वतेश्वर महादेव मंदिर गांव तलवाड़ा में श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के धार्मिक कार्यक्रम के छठे दिन स्वामी अतुल कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भगवान का हर विधान हमारे मंगल के लिए है। वे जो करेंगे सब ठीक ही होगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 04:13 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 04:13 PM (IST)
जिस मन में परमात्मा बस जाते है वहा पाप ठहर नहीं सकते : स्वामी अतुल कृष्ण
जिस मन में परमात्मा बस जाते है वहा पाप ठहर नहीं सकते : स्वामी अतुल कृष्ण

जागरण संवाददाता, नंगल

लोक कल्याण के लिए श्री पर्वतेश्वर महादेव मंदिर गांव तलवाड़ा में श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के धार्मिक कार्यक्रम के छठे दिन स्वामी अतुल कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भगवान का हर विधान हमारे मंगल के लिए है। वे जो करेंगे सब ठीक ही होगा। विभीषण ने भगवान को देखा नहीं था, मगर श्री हनुमान जी से सुनकर भगवान के पास आए। हम सब ने भी प्रभु को देखा नहीं है पर कथा में भगवान के संबंध में सुना तो है। श्री हरि की कथा इसी लिए मूल्यवान है क्योंकि वह हमें ईश्वर की ओर चलने के लिए प्रेरित करती है। जो श्रीहरि का भजन छोड़ कर सासारिक विषयों के अनुरागी बने हैं वे अभागे हैं। पूज्य श्री ने कहा कि जब पाप च्यादा होते हैं तो वे ही पापी को मार देते हैं, दूसरों की जरूरत नहीं पड़ती। जो व्यक्ति मन, वचन एवं कर्म से प्रभु के हो जाते हैं उन्हें स्वप्न में भी दुख प्रभावित नहीं कर पाते। जिस मन में परमात्मा बस जाता है वहा पाप ठहर ही नहीं सकते। तालाब में घाट अनेक होते हैं लेकिन पानी तो एक ही होता है। इसी प्रकार साधना की बहुत सारी उपासना पद्धतिया हैं पर सबका मालिक तो एक ही है। जब परमात्मा की ओर चलें तो व्यर्थ की बातों का चिंतन न करें। परिवार में यदि एक व्यक्ति भी सच्चे मन से प्रभु का भजन करता हो तो भगवान सारे परिवार की जिम्मेदारी उठा लेते हैं। जैसे शरीर के किसी एक अंग में इंजेक्शन लग जाय तो सारे ही शरीर को लाभ होता है। आज कथा में भगवान श्रीराम का श्रृंगवेरपुर के घाट पर आगमन, केवट का भगवान से चरण धुलवाने के लिए प्रार्थना करना, श्रीराम को गंगा पार ले जाना, देवी सीता का गंगा पूजन एवं तीर्थराज प्रयाग की महिमा का वर्णन भक्तजनों ने श्रद्धापूर्वक सुन कर प्रभु के नाम की जय-जयकार की।

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