रख-रखाव के अभाव में सात माह में बिगड़े 50 लाख से बने पार्क के हालात

रूपनगर में सतलुज दरिया परे पुल के पास जिला प्रशासन की ओर से बनाया गया पार्क सात माह में ही अपनी छवि खो चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Sep 2020 09:47 PM (IST) Updated:Thu, 03 Sep 2020 06:09 AM (IST)
रख-रखाव के अभाव में सात माह में बिगड़े 50 लाख से बने पार्क के हालात
रख-रखाव के अभाव में सात माह में बिगड़े 50 लाख से बने पार्क के हालात

जागरण संवाददाता, रूपनगर : रूपनगर में सतलुज दरिया परे पुल के पास जिला प्रशासन की ओर से बनाया गया पार्क सात माह में ही अपनी छवि खो चुका है। इस पार्क को सुंदर फूलदार पौधों और विशेष घास से तैयार किया गया था। यही नहीं, पार्क में खजूर के पौधे भी लगाए गए थे। पार्क से सतलुज की झील का बेहद सुंदर नजारा दिखाई देता है। पार्क को रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया था। शाम को सूर्य डूबते ही जब ये लाइटें जगाई जाती हैं तो पार्क मनोहक नजर आता है। लेकिन पार्क की देखरेख के लिए किसी की ड्यूटी नहीं लगाई गई। इसी का नतीजा ये है कि पार्क की हालत जंगल जैसी बन चुकी है।

पूर्व डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुमित जारंगल के कार्यकाल में इस पार्क का निर्माण हुआ था। डॉ. जारंगल ने इस पार्क के निर्माण को लेकर बेहद संजीदगी दिखाई थी। ये पार्क तीन एकड़ जगह में तैयार किया गया। ये जगह पिकासिया टूरिस्ट कांप्लेक्स की साइट के बिल्कुल साथ बेकार जंगल बनी हुई थी। यहां जंगली पौधों को हटाया गया और सतलुज से निकलने वाली बंद छोटी नदी को को भी साफ करवाया गया था।

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नवंबर 2019 में बनना शुरू हुआ था पार्क

प्रशासन ने नवंबर 2019 में सतलुज झील और अदभुत प्राकृतिक माहौल के बीच पार्क को विकसित करना शुरू किया था। दो पहले से बनी इमारतों को रेस्टोरेंट के लिए रख लिया और स्टूडियो के लिए तय किया, जिसमें फिल्मों और गानों की शूटिग की जा सकती है। प्रशासन का मकसद यहां पर्यटन को बढ़ाना था। यही नहीं, पर्यावरण प्रेमियों के लिए ये स्वर्ग से कम नहीं था। पार्क का उद्घाटन 26 जनवरी को कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह से करवाया गया था। पार्क पर 50 लाख की लागत आई।

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ये है पार्क की खासियत

पार्क में लाखों रुपये की कारपेट ग्रास लगाई गई थी। पार्क में लैंड स्केपिग करवाई गई और विशेष लाइटें लगाई गई थी। बड़ी संख्या में ओरनामेंट प्लांट भी लगाए गए।

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प्रशासन करेगा पार्क की सुंदरता बहाल: डीसी सोनाली गिरी

रूपनगर की डीसी सोनाली गिरी ने कहा कि पार्क की देखरेख के लिए दो बार पहले नीलामी करवाई गई, लेकिन कोई आवेदन देने नहीं आया। दूसरी बार केवल एक बोलीकर्ता ही आया था। प्रशासन प्रयास कर रहा है कि पार्क की सुंदरता को बहाल किया जाए।

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