पैर पसारने लगा डेंगू, विभाग ने अब तक नहीं किए फागिंग के इंतजाम

जिले में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना को मात देने के लिए व्यापक अभियान तो छेड़ा हुआ है लेकिन डेंगू मलेरिया व टाइफाइड की तरफ ध्यान केंद्रित न करने की वजह से जिले में डेंगू व टाइफाइड ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Oct 2020 11:23 PM (IST) Updated:Thu, 08 Oct 2020 11:23 PM (IST)
पैर पसारने लगा डेंगू, विभाग ने अब तक नहीं किए फागिंग के इंतजाम
पैर पसारने लगा डेंगू, विभाग ने अब तक नहीं किए फागिंग के इंतजाम

संवाद सहयोगी, रूपनगर: जिले में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना को मात देने के लिए व्यापक अभियान तो छेड़ा हुआ है, लेकिन डेंगू, मलेरिया व टाइफाइड की तरफ ध्यान केंद्रित न करने की वजह से जिले में डेंगू व टाइफाइड ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। ये चिता का विषय है। जिले में सरकारी अस्पताल का एक फार्मासिस्ट डेंगू का शिकार होने के बाद गंभीर दिमागी बीमारी की चपेट में आने से जहां अपने प्राण गंवा चुका है, वहीं अभी तक डेंगू के आठ केस भी सामने आ चुके हैं। जिले में जहां डेंगू के डंक को रोकने लिए फागिग के नाम पर लीपापोती हो रही है, वहीं लोग भी मच्छर के पनपने से रोकने के लिए जागरूक नहीं हो पा रहे हैं। उधर स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि सिविल सर्जन डॉ. दविदर कुमार ने इस बारे में जिला स्तर पर दो बैठकें की हैं। इसके अलावा जिले मे डेंगू व मलेरिया सहित टाइफाइड को लेकर जागरूकता अभियान शुरू किया जा चुका है, फिर भी बीमारी फैलने से नहीं रुक रही है। अब इस अभियान की आज शुक्रवार को समीक्षा की जाएगी। रूपनगर सिविल अस्पताल के अब तक एसएमओ रहे डा. पवन कुमार ने बताया कि दो दिन पूर्व उनका तबादला ब्लाक नूरपुरबेदी में कर दिया गया है, लेकिन उनका तबादला होने तक रूपनगर में डेंगू के आठ सक्रिय मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। एक फार्मासिस्ट को डेंगू होने के बाद उसकी ब्रेन हैमरेज कारण मौत भी हो चुकी है। वहीं सप्ताह पहले सिविल सर्जन का कार्यभार संभालने वाले डॉ. दविदर कुमार ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में टाइफाइड के मरीज सप्ताह में एक-दो ही सामने आ रहे हैं। कुछ प्राइवेट आरएमपी डाक्टर किसी व्यक्ति को हल्का वायरल होने पर भी उसे टायफाइड बता देते हैं और इलाज करने लगते हैं, जोकि गलत है। लोगों को अगर टाइफाइड की शंका हो, तो उन्हें सरकारी अस्पताल या सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में आना चाहिए। वहां टेस्ट करवाने से पता चलेगा कि मरीज को टाइफाइड है यह अन्य कोई वायरल है। उन्होंने लोगों को गुमराह करने वाले प्राइवेट आरएमपी को चेतावनी देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर शुक्रवार को होने वाली बैठक में विचार भी किया जाएगा। ड्राइ डे मनाने की दी है हिदायत स्वास्थ्य विभाग ने सभी दफ्तरों को हिदायत दी है कि हर सप्ताह शुक्रवार का दिन ड्राइडे के रूप में मनाया जाए। ड्राइडे के तहत दफ्तरों में लगे कूलरों, फ्रिजों व गमलों आदि को साफ किया जाए। इसके अलावा पानी की टंकियों को भी ढककर रखें, ताकि डेंगू का मच्छर तैयार न हो। ये हैं डेंगू के लक्ष्ण डेंगू के लक्ष्णों में तेज बुखार के साथ सिर में दर्द, उल्टी होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना व नाक और मुंह के रास्ते रक्त आना हैं। ऐसे लक्ष्ण पाए जाने पर बिना देरी नजदीकी सरकारी अस्पताल या सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर टेस्ट करवाना अति जरूरी है। डेंगू का टेस्ट व इलाज पूरी तरह से मुफ्त किया जाता है। ऐसे करें बचाव डेंगू के मच्छर से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनने व मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। डेंगू फैलाने वाला मच्छर साफ खड़े पानी में, जबकि मलेरिया मच्छर गंदे पानी में पनपता है। इसलिए कहीं पानी खड़ा नहीं होने दें। कूलर, फ्रिज व छतों पर पड़े टायर आदि में भी पानी जमा न होने दें।

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