आरुषि कत्ल केस जांच के लिए पटियाला के एएसआइ ने फिर पीएम को पत्र लिखा

नोएडा के सेक्टर 25 में डाक्टर दंपति की पुत्री आरूषि के कत्ल केस को हल करने के लिए पटियाला के एएसआई ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर भेजा है। जिला ट्रैफिक पुलिस ¨वग में तैनात एएसआई अमरजीत ¨सह घुग्गा ने इस केस में रूचि दिखाते हुए पीएम व राष्ट्रपति के नाम पर एक लेटर एसएसपी पटियाला मंदीप ¨सह सिद्धू व आईजी रेंज पटियाला एएस राय को सौंपा है। अमरजीत ¨सह ने पहला लेटर अक्टूबर 2017 को भेजा था लेकिन उसका कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने नवंबर 201

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 07:32 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 07:32 PM (IST)
आरुषि कत्ल केस जांच के लिए पटियाला के एएसआइ ने फिर पीएम को पत्र लिखा
आरुषि कत्ल केस जांच के लिए पटियाला के एएसआइ ने फिर पीएम को पत्र लिखा

प्रेम वर्मा, पटियाला

नोएडा के सेक्टर-25 में डॉक्टर दंपती की पुत्री आरुषि तलवार के कत्ल केस को हल करने के लिए पटियाला के एएसआइ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। जिला ट्रैफिक पुलिस ¨वग में तैनात एएसआइ अमरजीत ¨सह घुग्गा ने इस केस में रूचि दिखाते हुए पीएम व राष्ट्रपति के नाम पर एक पत्र एसएसपी पटियाला मंदीप ¨सह सिद्धू व आइजी रेंज पटियाला एएस राय को सौंपा है। अमरजीत ¨सह ने पहला पत्र अक्टूबर 2017 को भेजा था। मगर, उसका कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने इस वर्ष अब नवंबर में फिर से यह पत्र लिखकर भेजते हुए इस केस को हल करने के लिए मौका देने की मांग की है। फिलहाल, यह पत्र अभी आइजी आफिस से पीएम आफिस को भेजा जाना बाकी है।

वहीं अमरजीत ¨सह ने इस केस को लेकर कहा है कि यह केस पूरे देश के लिए मर्डर मिस्ट्री बन गया है क्योंकि सीबीआइ ने आरुषि के माता-पिता को ही इस केस का आरोपित बनाया था, जिन्हें अदालत ने बरी कर दिया था। उनके बरी होते ही आरुषि व नौकर हेमराज के कत्ल के आरोपितों के नाम पर दोबारा से रहस्य बन गया है। इस केस को हल करने के लिए वह एक मौका हासिल करना चाहते हैं।

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शुरू से ही केस को स्टडी किया है : अमरजीत ¨सह

अमरजीत ¨सह ने बताया कि वह इस कत्ल केस को शुरू से ही फॉलो कर रहे हैं। अमरजीत ¨सह ने बताया कि यहां पटियाला सिटी में कई पुलिस थानों व चौकी के अलावा खुफिया एजेंसी में काम किया है, जिस वजह से वह आरुषि कत्ल केस संबंधी हर पहलू को शुरू से ही अखबारों व टीवी चैनल के अलावा नोएडा के अपने जानकारों से डिटेल्स लेते रहते थे। उन्होंने इस घटना को लेकर कई पहलू तैयार किए हैं, जिस पर काम किया जा सकता है। इसका खुलासा इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि यदि सरकार उन्हें मौका देती है, तो इस पर काम करेंगे। फिलहाल, उन्होंने लेटर भेजा है, जिसके जवाब का वह इंतजार कर रहे हैं।

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ये है आरुषि हत्याकांड

आरुषि हेमराज हत्याकांड देश का सबसे चर्चित कत्ल केस रहा है। यह कत्ल केस 15-16 मई, 2008 की रात नोएडा के सेक्टर 25 (जलवायु विहार) में हुआ था। डॉक्टर दंपती की 14 साल की बेटी आरुषि व घरेलू नौकर हेमराज (उम्र करीब 45 साल) का कत्ल हुआ था। यह हत्याकाड उस समय हुआ, जब आरुषि के माता-पिता दोनों ही अपने फ्लैट में मौजूद थे। आरुषि के पिता ने बेटी को उसके बेडरूम में जान से मारने का शक अपने नौकर पर जाहिर करते हुए नौकर हेमराज के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करवाया था। केस दर्ज होने के अगले दिन नोएडा के एक अवकाश प्राप्त पुलिस उपाधीक्षक केके गौतम को उसी फ्लैट की छत पर हेमराज की लाश मिली थी। जिसके बाद इस केस के कई सवाल व पहलू बने। इस दौरान नौकर पर साथियों के साथ मिलकर रेप व कत्ल की बात भी चली। वहीं अंत में सीबीआइ ने आरुषि के माता-पिता को कत्ल का आरोपित बना उन्हें गिरफ्तार किया था। 26 नवंबर, 2013 को विशेष सीबीआइ अदालत ने आरुषि-हेमराज के दोहरे हत्याकांड में उसके माता-पिता को आइपीसी की धारा 302, 34 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई। दोनों को धारा 201 के अंतर्गत 5-5 साल और धारा 203 के अंतर्गत केवल राजेश तलवार को एक साल की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों पर जुर्माना भी लगाया था। 12 अक्टूबर, 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरुषि के माता-पिता को निर्दोष करार दे दिया गया और वे जेल से रिहा हो गए थे। तभी से आरुषि कत्ल केस दोबारा से रहस्य बन गया है।

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