राजपुरा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी से होगी खेतों में ¨सचाई

राज्य सरकार ने दूरगामी नीति अपनाते हुए सीवरेज के पानी का ट्रीटमेंट कर उसे खेतों में ¨सचाई के लिए उपयोग करने के तहत राजपुरा में लगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी से खेतों में ¨सचाई करने प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 May 2018 08:03 PM (IST) Updated:Fri, 25 May 2018 08:03 PM (IST)
राजपुरा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी से होगी खेतों में ¨सचाई
राजपुरा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी से होगी खेतों में ¨सचाई

जेएनएन, पटियाला

राज्य सरकार ने दूरगामी नीति अपनाते हुए सीवरेज के पानी का ट्रीटमेंट कर उसे खेतों में ¨सचाई के लिए उपयोग करने के तहत राजपुरा में लगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी से खेतों में ¨सचाई करने प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है।

कृषि विभाग व इसके सहायक भूमि व जल सरंक्षण विभाग के अधिकारियों के साथ मिनी सचिवालय में आयोजित की गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर पूनमदीप कौर ने बताया कि जिले में ¨सचाई के लिए पानी की कोई कमी नहीं है लेकिन भविष्य की जरूरतों को देखते हुए की जाने वाली तैयारियों के तहत राजपुरा के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी को पूरी तरह से जांच परख कर ¨सचाई के लिए प्रयोग किए जाने की बनाई गई योजना पर काम चल रहा है।

पूनमदीप कौर ने बताया कि इसके संपन्न होने पर राजपुरा क्षेत्र के खेतों को हर रोज 70 लाख लीटर पानी मिलेगा। यह पानी कृषि के लिहाज से पूरी तरह उपयुक्त होगा। इससे किसानों को जहां आर्थिक लाभ होगा वहीं भूमिगत जल स्तर में भी सुधार आएगा। अतिरक्त डिप्टी कमिशनर ने बताया कि लगभग पौने दो करोड़ रूपये की राशि से यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से तैयार होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए पानी की हर बूंद का सदुपयोग आवश्यक है। ऐसे में हर दिशा में सोचे जाने की जरूरत है। पूनमदीप कौर ने कहा कि सात एमएलडी पानी के इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है कुछ कार्यों के वर्क आर्डर भी जारी हो चुके हैं। वहीं उप मंडल भूमि संरक्षण अधिकारी र¨मदर ¨सह गिल ने बताया कि इस कार्यं के लिए ¨सचाई के पाईपों की एक गाड़ी आ चुकी है, लेकिन समस्या यह है कि यह कार्य सिर्फ गेहूं के सीजन के बाद ही खाली हुए खेतों में किया जा सकता है। खड़ी फसल में कार्य नहीं हो पाता है। ऐसे में संभव है कि अगले साल यह सिरे चढ़े पर इसकी शुरूआत हो गई है। उन्होंने बताया कि जिले में इससे पहले समाना में 10 एमएलडी और, पातड़ां में चार एमएलडी के प्रोजेक्ट काम कर रहे है। इस अवसर पर एसडीएम पटियाला अनमोल ¨सह धालीवाल, समाना के एसडीएम अरविन्द कुमार, राजपुरा के संजीव कुमार, पातड़ां के काला राम कांसल व नाभा की एसडीएम जशनप्रीत कौर और मुख्य कृषि अधिकारी के तकनीकि सहायक डॉ र¨वदर पाल ¨सह चट्ठा भी उपस्थित रहे।

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