बदहाली में है डॉ. गांधी का गोद लिया गांव मरोड़ी

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से हर सांसद को एक-एक गांव गोद लेने की योजना का आगाज किया था। मगर गांवों को गोद लेने वाले सांसदों की अनदेखी के कारण गांव आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Apr 2019 03:00 AM (IST) Updated:Fri, 05 Apr 2019 06:28 AM (IST)
बदहाली में है डॉ. गांधी का गोद लिया गांव मरोड़ी
बदहाली में है डॉ. गांधी का गोद लिया गांव मरोड़ी

हरदयाल नागी, समाना पटियाला

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से हर सांसद को एक-एक गांव गोद लेने की योजना का आगाज किया था। मगर गांवों को गोद लेने वाले सांसदों की अनदेखी के कारण गांव आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हैं। समाना से 10 किलोमीटर दूर पंजाब व हरियाणा की सीमा पर बसे गांव मरोड़ी का भी यही हाल है। पटियाला के सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी ने गांव मरोड़ी को गोद लेने के बाद शुरूआती समय में तो गांव के विकास के लिए कई प्रकार के प्रयास किए। मगर उनके यह प्रयास अधर में ही रह गए हैं।

गांव के युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। इस कारण युवा वर्ग गलत दिशा की तरफ भटक रहा है। गांव में घग्गर नदी की मार के चलते फसल नाममात्र होने से गांव के लोग अवैध धंधे अपनाने को मजबूर हैं। अवैध शराब का धंधा करने में क्षेत्र में गांव मरोड़ी मशहूर है। इसके अलावा गांव में दूसरे नशे की भरमार है। अवैध शराब निकालने वाले लोग घग्गर नदी की गहराई में आराम से अपने कार्य को अंजाम देने में सफल रहते हैं। इस स्थिति में पुलिस के हाथ केवल अवैध शराब निकालने के लिए रखे गए बर्तन और लाहन ही लग पाता है और पुलिस अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने तक सीमित है।

सांसद ने स्कूलों को ग्रांट देने के साथ गांव में कम्यूनिटी हॉल बनाने को जारी की थी 15 लाख रुपये की ग्रांट

डॉ. गांधी ने गांव मरोड़ी के विकास के लिए गांव के स्कूलों को ग्रांट देने के साथ गांव में कम्युनिटी हाल बनाने के लिए भी 15 लाख रुपये की ग्रांट जारी की थी। इस ग्रांट से कम्युनिटी हाल की ईमारत तो खड़ी हो गई। लेकिन मौजूदा समय में गांव के लोग इस कम्युनिटी हाल के आंगन को गोबर के उपले रखने के लिए प्रयोग कर रहे हैं। इस कारण इस हाल पर लगाई गई राशि बेकार साबित हो रही है। इसके अलावा गांव की गलियों, नालियों, अनाज मंडी, सेहत सुविधा, ट्रांसपोर्ट सुविधा की समस्या भी जस की तस बनी हुई है। गांव को साफ पानी मुहैया कराने के लिए गांव में पानी की टंकी लगाई गई है। लेकिन लोगों के घरों को पानी की सप्लाई देने के लिए बिछाई गई पाइप लाइन के जबह जगह से लीक होने से लोगों को घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इसके लिए गांव के लोगों ने पानी की आपूर्ति के लिए अपने घरों में सबमर्सिबल पंप लगाए हैं। गांव के सीमा के साथ बहती घग्गर नदी में कारखानदारों द्वारा कैमिकलयुक्त पानी छोड़े जाने से गांव के आस पास की जमींन का पानी दूषित होने से लोगों को यह दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

कोट्स

उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की तरफ से सांसदों को गांव गोद लेने के लिए कहा गया है। लेकिन गोद लिए गए गांवों के लिए अलग से कोई फंड मुहैया नहीं करवाया जा रहा है और केन्द्र सरकार स्कीमों को पूरा करने के कोई प्रयास नहीं कर रही है। इसके अलावा पंजाब सरकार भी इसके प्रति अपनी जिम्मेवारी निभाने को कोई प्रयास नहीं कर रही है। इससे गांवों के विकास कार्य अधूरे रह जाते हैं।

डॉ. धर्मवीर गांधी, सांसद पटियाला

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