हेल्थ वर्करों ने निकाला मार्च, फिर डिवाइडर पर लिखे नारे

सेहत विभाग में रेगुलर भर्ती करने की मांग को लेकर माल रोड बारादरी बाग के गेट के पास पक्का धरना लगाकर बैठे बेरोजगार मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों ने शहर में रोष मार्च निकाला। उसके बाद रोष स्वरूप माल रोड के डिवाइडर पर सरकार के खिलाफ नारे भी लिखे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 12:01 AM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 12:01 AM (IST)
हेल्थ वर्करों ने निकाला मार्च, फिर डिवाइडर पर लिखे नारे
हेल्थ वर्करों ने निकाला मार्च, फिर डिवाइडर पर लिखे नारे

जागरण संवाददाता, पटियाला : सेहत विभाग में रेगुलर भर्ती करने की मांग को लेकर माल रोड बारादरी बाग के गेट के पास पक्का धरना लगाकर बैठे बेरोजगार मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों ने शहर में रोष मार्च निकाला। उसके बाद रोष स्वरूप माल रोड के डिवाइडर पर सरकार के खिलाफ नारे भी लिखे। उनका कहना है कि चुनाव से पहले किए गए वादे याद दिलाने के लिए डिवाइडर पर नारे लिखने का अभियान शुरू किया है। अब वे आगे भी शहर के डिवाइडरों पर नारे लिखेंगे।

यूनियन के नेता सोनी पायल ने कहा कि इससे पहले भी वे पटियाला में धरना प्रदर्शन करते हुए कई बार पक्का धरना लगा चुके हैं। उस वक्त के सेहत मंत्री ब्रह्मा मोहिदरा ने भरोसा दिया था कि उम्र की समयसीमा में छूट देकर जल्द नया विज्ञापन दिया जाएगा, परंतु बेरोजगार वर्करों के साथ लारेबाजी की जा रही है। पप्पू बालियांवाली ने कहा कि उनकी मांग है कि सेहत विभाग में रिक्त पदों पर उम्र की सीमा में पांच साल की छूट देकर वर्कर भर्ती किए जाएं, परंतु सरकार और सेहत मंत्री ने टालमटोल की है। अगर जल्द ही मांगें नहीं मानी तो आज वे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह निवास की तरफ मार्च करेंगे। डिवाइडरों पर नारे लिखते समय रमनदीप सिंह, कमलजीत सिंह, गुरप्यार सिंह, मक्खन के साथ उनके कई साथी मौजूद रहे।

ये हैं वर्करों की मांगें

-- सरकारी अस्पतालों में खाली मल्टीपर्पस हेैल्थ वर्करों के पदों को रेगुलर और उम्र हद में राजस्थान, हिमाचल, हरियाणा की तरह पांच साल छूट देकर भर्ती की जाए ।

-- कोर्स करने वाले नए हेल्थ वर्करों के पदों को मंजूरी दी जाए ।

-- भर्ती प्रक्रिया को निर्धारित समय में पूरा किया जाए।

-- निजीकरण की नीति बंद की जाए।

-- सरकारी अस्पतालों में जरूरी सहूलियतें मुहैया करवाई जाएं।

-- जारी होने वाले इशतिहार को कानूनी नुक्तों पर चर्चा करके कटआफ जारी किया जाए, ताकि कोई भी मसला अदालत में न लटके।

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