सीएचसी नरोट जैमल सिंह में तीन साल से रिक्त पड़े औपथेलमिक असिस्टेंट का पद भरने की मांग
सीमांत ग्रामीणों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अस्पताल में बीते तीन साल से रिक्त पड़े औपथेलमिक असिस्टेंट के पद को जल्द भरा जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
संवाद सहयोगी, बमियाल: सरकारी अस्पताल नरोट जैमल सिंह में औपथेलमिक असिस्टेंट का पद पिछले तीन वर्षो से खाली पड़ा है। इस कारण क्षेत्र के लोगों को अस्पताल में आंखों की जांच करवाने की सुविधा नहीं मिल पा रही है। लिहाजा, लोगों को पठानकोट एवं कठुआ जाकर डाक्टरों से आंखों की जांच करवानी पड़ रही है। बता दें कि सीमांत गांवों में टांसपोर्ट की सुविधा भी बहुत सीमित है। इसके चलते लोगों को 30 से 40 किलोमीटर का सफर तय कर पठानकोट पहुंचने में खासी परेशानियां पेश आती हैं।
सरकारी अस्पताल नरोट जैमल सिंह में जुलाई 2019 को तैनात औपथेलमिक असिस्टेंट का तबादला हो गया था। उसके बाद नई तैनाती नहीं की गई। इसके चलते लोग अस्पताल में आंखों की चिकित्सा सुविधा से वंचित हैं।
क्षेत्रवासी राजेश कुमार, रवि कुमार, इंदरजीत, प्रभु कुमार इत्यादि ने बताया कि पहले अस्पताल में क्षेत्र के लोगों को आंखों की बीमारियों संबंधी जांच करवाने की सुविधा मिलती थी। लोग समय पर अपनी आंखों की बीमारियों का उपचार करवा लेते थे, लेकिन पिछले तीन साल से यह सुविधा अस्पताल में बंद पड़ी है। कई बार शिकायत करने के बावजूद किसी भी राजनेता की ओर से लोगों की इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते क्षेत्र के गरीब लोग अपनी आंखों की बीमारियों का उपचार करवाने के लिए निजी डाक्टरों को भारी फीस देने को विवश हैं। सीमांत ग्रामीणों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अस्पताल में बीते तीन साल से रिक्त पड़े औपथेलमिक असिस्टेंट के पद को जल्द भरा जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके। अधिकारियों को अवगत करावया जा चुका: डा. रवि
इस संबंध में सरकारी अस्पताल नरोट जैमल सिंह के सीनियर मेडिकल अधिकारी डाक्टर रविकांत ने बताया कि इस मसले को लेकर पहले से ही उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। उन्होंने माना कि सुविधा के अभाव से अस्पताल में आंखों के मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है।