मिलीभगत से हो रही पशु तस्करी

ुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद सीमावर्ती क्षेत्र में पशु तस्कर बिना किसी डर के तस्करी को अंजाम देने में लगे हुए हैं। बेशक पुलिस की ओर से बीते समय में कुछेक पशु तस्करों पर शिकंजा कसा गया है। बावजूद इसके सीमावर्ती क्षेत्र में पशु तस्कर अलग-अलग हथकंडे अपना कर पुलिस को चकमा देने में लगे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक नरोट जैमल ¨सह के ¨सगार मां नाले के आसपास सुनसान जगहों पर पशु तस्करों ने अड्डे स्थापित कर लिए हैं। यहां से पशु तस्कर अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Oct 2018 10:15 PM (IST) Updated:Tue, 16 Oct 2018 10:15 PM (IST)
मिलीभगत से हो रही पशु तस्करी
मिलीभगत से हो रही पशु तस्करी

संवाद सहयोगी, बमियाल : पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद सीमावर्ती क्षेत्र में पशु तस्कर बिना किसी डर के तस्करी को अंजाम देने में लगे हुए हैं। बेशक पुलिस की ओर से बीते समय में कुछेक पशु तस्करों पर शिकंजा कसा गया है। बावजूद इसके सीमावर्ती क्षेत्र में पशु तस्कर अलग-अलग हथकंडे अपना कर पुलिस को चकमा देने में लगे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक नरोट जैमल ¨सह के ¨सगार मां नाले के आसपास सुनसान जगहों पर पशु तस्करों ने अड्डे स्थापित कर लिए हैं। यहां से पशु तस्कर अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं।

पुलिस की आंख में धूल झोंकने के लिए अब तस्करों ने नया तरीका ढूंढ लिया है। पशु तस्करों की ओर से स्थानीय क्षेत्र के कुछ युवकों को लालच देकर पशु तस्करी में शामिल कर लिया है। कुछ युवक पशु तस्करों के लिए 100-200 रुपये के लिए काम कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कई नाबालिग युवकों को भी तस्करों ने जाल में फंसा लिया है। स्थानीय युवकों को पशु तस्कर पशु दे देते हैं और यह युवक पशुओं को ठिकाने तक पहुंचा देते हैं। स्थानीय निवासी होने के कारण किसी को इन युवकों पर शक भी नहीं होता है कि उक्त युवक पशु तस्करों के लिए काम कर रहे हैं या फिर अपने पशु ले जा रहे हैं। इससे पुलिस प्रशासन भी चकमा खा रहा है।

ऐसे हो रही है तस्करी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पशु तस्करों द्वारा एक सेफ जगह तक पशु पहुंचा दिए जाते हैं। इसके बाद स्थानीय युवकों को पैसे का लालच देकर एक-एक करके पशु अगले ठिकाने तक पहुंचाने का काम दिया जाता है। जिसके बाद उक्त युवक पैसे लेकर पशु वहां तक पहुंचा देते हैं। पशु तस्करों ने करीब आधा दर्जन ठिकाने पशुओं को छिपाने के लिए बनाए हुए हैं। अधिकतर छोटे पशुओं की तस्करी यहां से की जा रही है। क्योंकि छोटे पशुओं को वाहनों में छिपा कर ले जाना आसान होता है।

गहनता से होगी जांच : थाना प्रभारी

इस संबंधी पुलिस थाना नरोट जैमल ¨सह के प्रभारी प्रीतम चंद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पशु तस्करी के कई मामले पुलिस ने पकड़े हैं। लगातार इसके लिए पुलिस सतर्कता बरत रही है। उन्होंने कहा कि यदि क्षेत्र में स्थानीय लोगों के साथ मिलीभगत करके पशु तस्करी हो रही है तो वह इसकी गहनता से जांच करेंगे। वहीं तस्करों के अड्डे भी तलाशे जाएंगे।

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