बाईपास से ही निकल रही बसें, यात्रियों को शहर के बाहर उतरने को कर रहे मजबूर

नवांशहर के लोगों को भले ही शहर में ट्रैफिक समस्या से निजात मिल गई हो। लेकिन शहर के अंदर लगने वाले वाहनों के कतारों व ट्रैफिक जाम से मिलने वाली इस राहत ने शहर वासियों के सामने एक नई समस्या खड़ी कर दी है। कारण यह है कि शहर में नए बने बाईपास से होकर ही बहुत सी बस निकल जाती हैं। जिसके कारण शहर के लोगों को बस यात्रा करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 10:16 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 10:16 PM (IST)
बाईपास से ही निकल रही बसें, यात्रियों को शहर के बाहर उतरने को कर रहे मजबूर
बाईपास से ही निकल रही बसें, यात्रियों को शहर के बाहर उतरने को कर रहे मजबूर

मुकन्द हरि जुल्का, नवांशहर: नवांशहर के लोगों को भले ही शहर में ट्रैफिक समस्या से निजात मिल गई हो। लेकिन शहर के अंदर लगने वाले वाहनों के कतारों व ट्रैफिक जाम से मिलने वाली इस राहत ने शहर वासियों के सामने एक नई समस्या खड़ी कर दी है। कारण यह है कि शहर में नए बने बाईपास से होकर ही बहुत सी बस निकल जाती हैं। जिसके कारण शहर के लोगों को बस यात्रा करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नवांशहर डिपो की बसों को छोड़ प्रदेश के अन्य जिलों के डिपो की बसें व अन्य राज्यों की बस सर्विस शहर में कम ही नजर आती है। यह समस्या अधिकतर सुबह और शाम के समय होती है। लंबे रूट की बसों के शहर में प्रवेश नहीं करने के कारण हर रोज सफर करने वाली आम जनता और विद्यार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं लंबे रूट की बसें यात्रियों को बाईपास पर ही उतरने के लिए मजबूर करती हैं। गढ़शंकर रोड पर बने बाईपास पर यात्रियों को अधिक परेशानी हो रही है। यहां से यात्रियों को शहर में आने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। नए बाईपास पर यात्रियों के लिए न तो बैठने का प्रबंध किया गया है न ही किसी प्रकार की लाइट की व्यवस्था है। जिससे उनकी सुरक्षा को भी खतरा रहता है। धूप और बरसात होने की स्थिती में यात्रियों को खुले में ही रुकने को मजबूर होना पड़ता है। दिन के समय तो यात्रियों को शहर में आने के लिए आटो रिक्शा मिल जाता है। लेकिन शाम के समय बाईपास पर इतना अंधेरा होता है कि अकेले व्यक्ति के लिए खासकर बुजुर्गों, औरतों और बच्चों को काफी दिक्कत होती है। शाम के समय अगर कोई आटो वाला मिल जाए तो उनके रेट बहुत अधिक होते हैं। बाईपास के चौराहे पर पुलिसकर्मी भी कम ही दिखाई देते हैं। स्कूलों और कालेजों के खुलने से समस्या में बढ़ोतरी हो गई है। बहुत से विद्यार्थी शहर के बाहर पढ़ने जाते हैं। उनके लिए इस प्रकार की यातायात व्यवस्था परेशानी खड़ी करने वाली है।

शहरवासी मनोहर लाल, सुधीर कुमार, सुनील, संजीव, मनीष, प्रदीप कुमार, किरण, प्रीति रानी, कुसुम रानी, सुरेश कुमार ने नवांशहर प्रशासन से मांग की है कि बाईपास से बस स्टैंड तक लोकल बस सर्विस भी होनी चाहिए। जिससे आम लोगों को इससे राहत मिल सके। बाईपास से बसें बाहर निकल जाने से यात्रियों को शहर में आने के लिए परेशानी होती है। वहीं बस स्टैंड में खड़े यात्री बसों का इंतजार करते रहते हैं। सभी बसों को शहर बस स्टैंड के अंदर आने के लिए अनिवार्य करना चाहिए। बाईपास से शहर तक आने के लिए रोशनी का इंतजाम भी करना चाहिए। साथ ही पुलिस प्रशासन की भी पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए।

नवांशहर रोडवेज डिपो के जीएम राजीव दत्ता का कहना है कि सरकार द्वारा यह सख्त हिदायत दी गई है कि कोई भी बस किसी भी बाईपास से होकर नहीं निकलेगी। यह सभी डिपो के लिए अनिवार्य किया गया है कि बसें शहर के बस स्टैंड से ही होकर निकले। नवांशहर डिपो की कोई भी बस बाईपास से नहीं जाती है। अन्य डिपो या बाहरी राज्यों की बसों के ड्राइवरों की गलती के कारण उनके चालान भी होते हैं। मामला उनके ध्यान में आ गया है। आम यात्रियों को होने वाले परेशानियों की जांच कराई जाएगी।

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