एसडीएम पर भद्दी शब्दावली के प्रयोग का आरोप

बार एसोसिएशन की बैठक सचिव सनेहप्रीत मान की अगुवाई में हुई। जिसमें पत्रकारों को जानकारी देते हुए एडवोकेट एसपी सहिगल ने बताया कि उनका एक केस एसडीएम अर्शदीप ¨सह की अदालत में चल रहा है तथा केस संबंधी व दो बार अदालत में पेश हुए। एसडीएम के रीडर ने उनको कहा कि जब एसडीएम अदालत में आएगे तो आप को बुला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि एसडीएम द्वारा अदा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Feb 2019 06:16 PM (IST) Updated:Fri, 01 Feb 2019 06:16 PM (IST)
एसडीएम पर भद्दी शब्दावली के प्रयोग का आरोप
एसडीएम पर भद्दी शब्दावली के प्रयोग का आरोप

संवाद सूत्र, गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब)

बार एसोसिएशन की बैठक सचिव सनेहप्रीत मान की अगुवाई में हुई। इसमें एडवोकेट एसपी सहगल ने बताया कि उनका एक केस एसडीएम अर्शदीप ¨सह की अदालत में चल रहा है तथा केस संबंधी व दो बार अदालत में पेश हुए। एसडीएम के रीडर ने उन्हें कहा कि जब एसडीएम अदालत में आएंगे तो आप को बुला लिया जाएगा। एसडीएम द्वारा अदालत लगाने के बावजूद उन्हें बताया नहीं गया तथा आवाज सुनकर जब वह एसडीएम कोर्ट में गए तो एसडीएम ने उन्हें कहा कि आप हाजिर नहीं हुए इसलिए आपकी अपील खारिज कर दी गई। सहगल ने एसडीएम को बताया कि वह दो बार चक्कर लगा चुका है तथा वह उसका पक्ष सुने बिना अपील खारिज नहीं कर सकते। जिस पर एसडीएम भड़क उठे तथा उसके खिलाफ भद्दी शब्दावली का प्रयोग करते हुए दु‌र्व्यवहार किया।

बार एसोसिएशन के सचिव सनेहप्रीत मान ने बताया कि एसडीएम के बुरे व्यवहार से खफा बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित किया कि समूह बार एसोसिएशन एसडीएम का बायकाट करेगी। जब तक एसडीएम अपनी गलती के लिए माफी नहीं मांगते। उन्होंने कहा कि एसडीएम की ओर से कोर्ट लगाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। पंजाब सरकार अदालत लगाने का समय निर्धारित करे। एसोसिएशन इस संबंध में प्रस्ताव की कापी सेशन जज मुक्तसर, चीफ सेक्रेटरी पंजाब, कमिशनर फिरोजपुर डिवीजन को भेजेगी। इनसेट

नहीं किया गया दु‌र्व्यवहार : एसडीएम एसडीएम अर्शदीप ¨सह का कहना था कि एसपी सहगल तक्सीम केस में वकील है तथा इस केस की तीन तारीख पहले भी हो चुकी। कोर्ट द्वारा आवाज लगाने पर भी वकील पेश नहीं हुए हुए तो उन्होंने उनकी अपील खारिज कर दी। उन्होंने वकील के साथ कोई दु‌र्व्यवहार नहीं किया है। कोर्ट का समय निर्धारित है और बीते समय में ब्लाक समिति व पंचायत चुनाव में व्यस्थ रहने के कारण वह कोर्ट को समय नहीं दे पाए थे।

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