ताले तोड़ कर नशा मुक्ति केंद्र से 3300 प्रतिबंधित गोलियां चुराई

। स्थानीय कच्चा दोसांझ रोड पर स्थित एक निजी संस्था के नशा मुक्ति केंद्र के ताले तोड़ कर 30 दिसंबर की रात चोर 3300 प्रतिबंधित गोलियां चुरा कर ले गए ।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Jan 2022 11:08 PM (IST) Updated:Sat, 15 Jan 2022 11:08 PM (IST)
ताले तोड़ कर नशा मुक्ति केंद्र से  
3300 प्रतिबंधित गोलियां चुराई
ताले तोड़ कर नशा मुक्ति केंद्र से 3300 प्रतिबंधित गोलियां चुराई

रोहित शर्मा, मोगा

स्थानीय कच्चा दोसांझ रोड पर स्थित एक निजी संस्था के नशा मुक्ति केंद्र के ताले तोड़ कर 30 दिसंबर की रात चोर 3300 प्रतिबंधित गोलियां चुरा कर ले गए । घटना केंद्र में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है, लेकिन पुलिस ने शिकायत व सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद भी इस मामले में न तो केस दर्ज किया और न ही चोरों को गिरफ्तार किया।

केंद्र के संचालक प्रितपाल सिंह ने बताया कि बोन डोस्को नामक राष्ट्रीय स्तर की एनजीओ द्वारा कच्चा दोसांझ रोड पर नशा मुक्ति केंद्र चलाया जा रहा है। उनके पास 100 से अधिक नशे के आदी मरीज रोजाना दवा लेने के लिए आते हैं। 30 दिसंबर 2021 की रात को दो नकाबपोश केंद्र के दरवाजे का ताला तोड़कर अंदर घुसे और करीब 3300 गोलियां चोरी कर फरार हो गए। अगले ही दिन उनकी ओर से इलाके से संबंधित फोकल प्वाइंट पुलिस चौकी में लिखित शिकायत दी गई, मगर पुलिस ने अभी तक इस मामले में एफआइआर दर्ज की और न ही किसी संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया। प्रितपाल सिंह के अनुसार चोरी हुई प्रतिबंधित गोलियों की कीमत सवा लाख रुपये के करीब है।

गोलियों का दुरुपयोग होने व ब्लैक में बेचे जाने की संभावना

बता दें कि ये गोलियां नशा छुड़वाने के लिए मान्यता प्राप्त डाक्टर की सलाह पर ही इस्तेमाल की जाती हैं। यह गोलियां पंजाब एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा सिविल अस्पतालों में मुहैया करवाकर वहां से उक्त गोलियां ओएसटी सेंटरों में भेजी जाती हैं। ऐसे में बोन डोस्को एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्र से 3300 गोलियां चोरी होना कई आशंकाओं को जन्म दे रहा है। चोरी हुई गोलियों को ब्लैक में बेचे जाने या फिर इनके दुरुपयोग करने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है। सिविल अस्पताल से भी चोरी हो चुकी हैं गोलियां

वर्ष 2017 की फरवरी में मोगा के सिविल अस्पताल में बने ओएसटी सेंटर से भी तीन हजार प्रतिबंधित गोलियां चोरी हो चुकी हैं। इस दौरान अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट की देखरेख में सेंटर चलाए जाने और उन्हें जिम्मेदार पाए जाने पर पंजाब एड्स कंट्रोल सोसायटी को दो सदस्यीय कमेटी ने रिपोर्ट बनाकर भेजी थी, लेकिन उक्त मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। बाद में सेहत विभाग के उच्च अधिकारियों ने कह दिया था कि ओएसटी सेंटर के इंचार्ज से चोरी हुई गोलियों की कीमत हर्जाने को तौर पर वसूली जाएगी। सौ रुपये में बिकती है एक गोली

रजिस्टर्ड नशा मुक्ति केंद्रो से इन गोलियों का एक पत्ता (10 टेबलेट) 380 रुपये में डाक्टर की सलाह मुताबिक नशे के आदी मरीजों को दिया जाता है, लेकिन यही एक गोली ब्लैक में तस्करों द्वारा 100 रुपये में बेची जाती है। उक्त गोली का प्रयोग संथेटिक नशा जैसे हेरोइन, स्मैक, ड्रग्स, चूरा पोस्त, अफीम या अन्य गंभीर नशे छोड़ने के लिए किया जाता है। ऐसे में इतनी बड़ी मात्रा में नशा मुक्ति केंद्र से गोलियां चोरी होना गंभीर मामला है। पता नहीं पुलिस क्यों मामले को लटका रही है: प्रितपाल सिंह

केंद्र के संचालक प्रितपाल सिंह का कहना है कि चोरी की सारी घटना सीसीटीवी कैमरों में कैद हो चुकी है। इसमें दो नकाबपोश चोर भी नजर आ रहे हैं। उन्हें शक है कि केंद्र में नशा छोड़ने के लिए दवा लेने आने वाले मरीजों में से ही किसी ने गोलियां चोरी की है। उन्होंने फोकल प्वाइंट पुलिस को सुबूतों के साथ पूरी जानकारी भी दी, लेकिन पुलिस पता नहीं क्यों, इस मामले को लटका रही है। जांच जारी है, जल्द कार्रवाई करेंगे

डीएसपी सिटी जशनदीप सिंह गिल का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही इस मामले में बनती कार्रवाई कर आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा। मामले में ढील बरतने के आरोपों को डीएसपी ने बेबुनियाद बताया है।

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