संतों के सान्निध्य से मिलती सही दिशा व मार्ग
संवाद सहयोगी, मोगा श्री योगीराज ब्रह्माचारी कुटिया में माघ माह में एकादश भागवत ज्ञान कथा दौरान श्र
संवाद सहयोगी, मोगा
श्री योगीराज ब्रह्माचारी कुटिया में माघ माह में एकादश भागवत ज्ञान कथा दौरान श्रद्धालुओं ने आचार्य विवेक की अगुआई में गणपति पूजन कलश पूजन व नवग्रह पूजन किया। स्वामी अमरेश्वर दास जी ने कहा कि हमारा मन विषय विकारों से भरा हुआ है। कथा का महत्व समझाते हुए सुदामा की मित्रता का वर्णन किया। उन्होंने बताया की हमें आपस में प्रेम प्यार बढ़ाना चाहिए। पश्चमी सभ्यता के प्रचार के चलते हम पुरातन सभ्यता को भूलते जा रहे हैं। जिस कारण हम परेशान रहते हैं। इस तरह के संत समागम हमें सही मार्ग व दिशा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भागवत एक मीठा फल है जैसे जैसे व्यक्ति इसका श्रवण करता है उसका हृदय स्वच्छ हो जाता है। हरिद्वार से पहुंचे महामंडलेश्वर कमलपुरी महाराज ने बताया कि भक्त के प्रेम के वश में भगवान दौड़े आते हैं। मनुष्य को मोह माया का त्याग करके प्रेम एवं भक्ति की सच्ची भावना से भगवान का सिमरन करना चाहिए। यही मनुष्य के जीवन का लक्ष्य है
इस अवसर पर प्रधान अश्वनी कुमार मट्टू, सीनियर एडवोकेट बोधराज मजीठिया, दर्शन लाल ¨सगला, खुशवंत जोशी, मास्टर दर्शन कांसल, नरेंद्र भरद्वाज, खेमकरण मित्तल, बूटाराम शर्मा, सुशील अबरोल, सुभाष गोयल, प्रेम मित्तल, ओमप्रकाश प्रोमिला मैनराय सविता रानीसंजीव नरूला, जोगिंदर शर्मा, त¨जदर समधर, अनिल दीप, कामनी ¨सगला के अलावा अन्य हाजिर थे।