पंजाब में छोटी इंडस्ट्री को बड़ा झटका, शहर में नई फैक्ट्री लगाने के लिए अब चाहिए इतनी जमीन
पंजाब सरकार के नए नोटिफिकेशन के मुताबिक शहर के भीतरी इलाकों में अब 359 गज से कम जमीन पर फैक्ट्री लगाने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।
[मुनीश शर्मा] लुधियाना। प्रदेश सरकार का नया नोटिफिकेशन छोटी इंडस्ट्री लगाने वालों को झटका दे सकता है। शहर के भीतरी इलाकों में अब 359 गज से कम जमीन पर फैक्ट्री लगाने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। ऐसे में शहर के भीतरी इलाकों में महंगी हो चुकी जमीन पर नई फैक्ट्री लगा पाना स्मॉल एवं मीडियम इंटरप्राइजिज के लिए उद्योग लगा पाना मुमकिन नहीं होगा। दूसरी ओर इंडस्ट्री ने इस फरमान को सिरे न चढऩे देने के लिए मुख्यमंत्री तक गुहार लगाने की बात कही है। इंडस्ट्री का तर्क है कि छोटी इंडस्ट्री के कलपुर्जों के बिना बड़ी इंडस्ट्री को नहीं चलाया जा सकता। ऐसे में अगर छोटी इंडस्ट्री शहर से दूर चली गई तो बड़ी इंडस्ट्री को भी इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। साथ ही, शहर में न तो सस्ता लैंडबैंक है और न ही सरकार की ओर से कई वर्षों से कोई फोकल प्वाइंट काटा है।
चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एवं कॉमर्शियल अंडरटेकिंग के प्रधान उपकार सिंह आहुजा के मुताबिक यह फैसला इंडस्ट्री के लिए बेहद खतरनाक है। एसएमई इंडस्ट्री के लिए नए उद्योग स्थापित कर पाना बेहद मुश्किल होगा। सरकार को इस फैसले को लागू करने से पहले इसके विकल्प मुहैया करवाने चाहिए। इसके लिए नए फोकल प्वाइंट का निर्माण करना चाहिए या फिर शहर के पास कहीं लैंडबैंक तैयार कर इंडस्ट्री को देना चाहिए।
फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एवं कॉमर्शियल ऑर्गनाइजेशन (फीको) के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के मुताबिक अब टेक्नोलॉजी के दौर में कई मशीनें ऐसी हैं, जो 60 गज में ही फिट हो जाती हैं। उदाहरण के लिए खराद मशीन को 50 गज प्लाट में अच्छे से चलाया जा सकता है। इसके साथ ही शेपर, मिलिंग सहित कई मशीनों को कम जगह में भी चलाया जा सकता है। ऐसे में नियम को 360 गज तक ले जाना छोटी इंडस्ट्री को खत्म करना होगा। ऐसे में एसएमई का पंजाब में रहना खत्म हो जाएगा। इसके लिए फिर से विचार कर फैसले को वापस लेना चाहिए।
फैसले पर विचार करें नहीं रुक जाएगी ग्रोथ
यूनाइटेड साइकिल एंड पाट्र्स मैन्यूफेक्चरर एसोसिएशन के प्रधान इंद्रजीत सिंह नवयुग के मुताबिक सरकार की ओर से इस पर विचार किया जा रहा है, लेकिन इसे लागू किए जाने से लुधियाना की इंडस्ट्रियल ग्रोथ रुक जाएगी। बड़ी कंपनियों की ओर से प्रदेश से बाहर निवेश किया जा रहा है। छोटे-छोटे उद्योगों से लुधियाना की इंडस्ट्रियल ग्र्रोथ हो रही है। पहले ही शहर की जमीन काफी महंगी हो चुकी है, इसलिए इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।
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