पंजाब के किसान का बेटा ISRO में बना साइंटिस्ट, पटियाला के कमलदीप का आल इंडिया में तीसरा स्थान
कमलदीप शर्मा ने बताया कि साल 2017 में वह दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रहा था। इसी दौरान इसरो ने चार सैटेलाइट लांच किए थे। उसी दिन उनके मन में इसरो के प्रति दिलचस्पी पैदा हुई।
पटियाला, [गौरव सूद]। गांव मगर साहब निवासी कमलदीप शर्मा ने इसरो में साइंटिस्ट बनने के लिए दो लाख प्रतिभागियों में तीसरा रैंक हासिल करके न केवल मां बाप का बल्कि जिले का भी नाम रोशन किया है। बेटे की इस उपलब्धि से परिवार में जहां खुशी की लहर है, वहीं जिले और राज्य के लिए भी यह गर्व की बात है। कमलदीप एक मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखते हैं और उनके पिता किसान हैं। कमलदीप ने ग्रेजुएशन बीटेक मैकेनिकल विषय में 67 प्रतिशत अंकों के साथ पास की।
ग्रेजुएशन के बाद कई कंपीटीटिव एग्जाम दिए और कई जगह नौकरी के लिए ट्राई किया लेकिन नौकरी नहीं मिली। बस ये बात उनके दिल को लग गई और उन्होंने कड़ी मेहनत करने की ठानी और इसरो में मैकेनिकल इंजीनियर के पद के लिए पेपर दिया। इसमें उन्होंने पूरे भारत में तीसरा रैंक पाया। उनकी इस उपलब्धि पर जहां रिश्तेदारों और परिजनों की तरफ से उन्हें बधाइयां मिल रही हैं, वहीं, सांसद परनीत कौर ने भी उन्हें अपने निवास स्थान पर बुलाकर बधाई देने के साथ-साथ उनकी इस उपलब्धि को इंटरनेट मीडिया पर भी साझा किया।
साल 2017 में इसरो में जाने की ठानी
कमलदीप शर्मा ने बताया कि साल 2017 में वह दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रहा था। इसी दौरान इसरो ने चार सैटेलाइट लांच किए थे। उसी दिन उनके मन में इसरो के प्रति दिलचस्पी पैदा हुई। जिसके बाद उन्होंने इसरो में नौकरी करने की ठानी। साल 2018 में पहली बार इसरो में साइंटिस्ट की पोस्ट निकली लेकिन वह क्वालीफाई नहीं कर सके। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तैयारी जारी रखी। जिसके फलस्वरूप साल 2020 में 135 के करीब पोस्टें निकली और उनके लिए उन्होंने टॉप 600 में जगह बनाई। इसके उपरांत इंटरव्यू में टॉप तीन में जगह बनाने में सफलता हासिल की।
पिता और बड़े भाई के सहयोग से हुआ संभव
कमलदीप ने बताया कि उनके परिवार में उनके पिता पुष्पनाभ, माता सुशीला देवी और बड़े भाई पुनीत शर्मा हैं। इस उपलब्धि के लिए जहां उनके बड़े भाई पुनीत शर्मा ने उनकी काफी सहायता की वहीं माता-पिता ने भी हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। इसी के चलते वह इस मुकाम को हासिल करने में कामयाब हुए।