विरोधियों पर भारी पड़े पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के वीसी ढिल्लों, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें

पीएयू लुधियाना को देश भर में दूसरा स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी बधाई देकर उनका हौसला बढ़ा दिया। पहले ही एक्सटेंशन में चल रहे वाइस चांसलर बलदेव सिंह ढिल्लों और मजबूत हो गए हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Tue, 08 Dec 2020 08:25 AM (IST) Updated:Tue, 08 Dec 2020 08:25 AM (IST)
विरोधियों पर भारी पड़े पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के वीसी ढिल्लों, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें
यूनियनें वाइस चांसलर डा. बलदेव सिंह ढिल्लों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया] पिछले दो माह से पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी की अलग-अलग यूनियनें वाइस चांसलर डा. बलदेव सिंह ढिल्लों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। वह अपनी मांगों को मनवाने के लिए लगातार डटे हुए हैं लेकिन वह वीसी ढिल्लों को असफल साबित नहीं कर पा रहे। वीसी एक बार फिर आइसीएआर की रैंकिंग में पीएयू को देश में कृषि रिसर्च में दूसरा स्थान दिलाकर अपने विरोधियों पर भारी पड़ गए।

यह अवार्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्च वर्क, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि को देखते हुए दिया जाता है। पीएयू को दूसरा स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी बधाई देकर उनका हौसला बढ़ा दिया। पहले ही एक्सटेंशन में चल रहे वाइस चांसलर बलदेव सिंह ढिल्लों और मजबूत हो गए हैं। अब विरोधी और यूनियन नेता यह कहते फिर रहे हैं कि पहले ही एक्सटेंशन में चल रहे वाइस चांसलर फिर एक्सटेंशन लेने में कामयाब हो गए तो उनका भगवान ही मालिक होगा।

पोते ने यह क्या कह दिया
कभी-कभी कुछ लोग गमगीन मौके पर भी ऐसी गलती कर देते हैं कि लोगों की सहानुभूति प्राप्त करने के बजाय वे आलोचना का शिकार हो जाते हैं। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक सतपाल गोसाईं का हाल ही में निधन हो गया। अमेरिका में रहने वाले उनके सबसे करीबी और पोते उड़ान भरकर दादा का अंतिम संस्कार करने पहुंचे। कभी गोसाईं से दूरी बनाने वाले नेता भी इस दौरान शामिल हुए। यहां तक सबकुछ ठीक रहा।

उसके बाद पोते ने फेसबुक पर पोस्ट डाल दी कि बाऊ जी, जो लोग आपके जाने का कारण बने, उन्हें भगवान कभी माफ नहीं करेगा। यह सही है कि लंबे समय तक भाजपा की सेवा करने वाले गोसाईं के साथ कुछ समय पहले वह न्याय नहीं हुआ, जिनके वह हकदार थे, लेकिन फेसबुक पोस्ट देखने के बाद हर किसी ने यही कहा कि इस माहौल में पोते ने यह क्या कह दिया।

कृषि कानून से ये बच्चे अनजान
सराभा नगर में किसानों के समर्थन में रोष मार्च निकाला गया। वह भी पाश इलाके के गुरुद्वारा साहिब से। अब चूंकि गुरुद्वारा साहिब से अपील थी तो इलाके के तमाम लोग सड़कों पर निकल पड़े। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे। बच्चों ने ट्रैक्टर टू टिवटर के बैनर हाथ में पकड़े थे। देखने में स्लोग्न काफी प्रभावशाली था। कान्वेंट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के हाथ में पकड़े बैनर सभी को आकर्षित कर रहे थे।

कई लोग तो यह सोच रहे थे कि इस ट्रैक्टर टू टिवटर का मायने क्या है। हालांकि इन बच्चों को यह नहीं पता था कि संसद ने जो कृषि कानून बनाया है, वह क्या है? वह किसानों के लिए हानिकारक है या फायदेमंद? एक 15 साल के बच्चे से जब कृषि कानून के बारे पूछा गया तो उसका इतना ही कहना था कि कानून हमारे किसानों को बर्बाद करेगा, इसलिए विरोध कर रहे हैं।

11 बोतल शराब का यह है राज
पुलिस और एक्साइज विभाग जब भी अवैध रूप से शराब की तस्करी करने वाले आरोपित को पकड़ते हैं, तो भले ही उनके पास से कितनी भी शराब बरामद हो, लेकिन क्राइम रिकार्ड में अकसर 11 बोतल अवैध शराब की बरामदगी ही दिखाई जाती है। यह सवाल खबरनवीस के दिमाग में आया कि आखिर सिर्फ 11 बोतलों की बरामदगी ही क्यों। इसका राज पुलिस विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने उजागर कर दिया।

उनका कहना था कि पहले शराब के साथ पकड़े जाने पर मौके पर जमानत नहीं होती थी। उसके बाद कानून में संशोधन हुआ कि एक पेटी शराब तक के साथ पकड़े गए आरोपित को थाने से ही जमानत मिल जाएगी, लेकिन केस दर्ज होगा। अब ज्यादा शराब के साथ पकड़े जाने पर आरोपित संबंधित अधिकारी से छोडऩे का आग्रह (कुछ ले-देकर) करता है तो आरोपित से 11 बोतल बरामदगी दिखाकर उसे थाने से जमानत भी मिल जाती है।
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