लुधियाना में Odd-Even के विरोध में व्यापारी, बोले- बंद न हुआ तो एक सितंबर से प्रदर्शन
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के राज्य महासचिव सुनील मेहरा पंजाब में लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेके रेस्टोरेंट इंडस्ट्री सब खुले हैं। केवल दुकानों को बंद किया जा रहा है।
लुधियाना, जेएनएन। शनिवार को लुधियाना में व्यापारियों ने कहा अगर पंजाब सरकार ने लॉकडाउन का फैसला वापस नहीं लिया तो वे एक सितंबर से राज्य भर में धरना प्रदर्शन करेंगे। 50 फीसद दुकानें खोलने के सरकार के आदेश के बाद व्यापारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जमीनी हकीकत देखने के बजाय केवल अफसरशाही के कहने पर रोजाना नए फरमान जारी कर रहे है। इसका खामियाजा व्यापारी वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। शनिवार व रविवार को लॉकडाउन के बीच अब अॉड-ईवन फार्मूले के तहत 50 प्रतिशत दुकानें खोलने के नए आदेश से व्यापारी वर्ग हताश हो गया है।
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के राज्य महासचिव सुनील मेहरा, राज्य सचिव महिंद्र अग्रवाल, चेयरमैन पवन लहर, जिला अध्यक्ष अमरिंदर सिंह मक्कड, महामंत्री प्रवीण गोयल ने कहा कि धरना प्रदर्शन की सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
सुनील मेहरा ने कहा कि पंजाब में लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेके, रेस्टोरेंट, इंडस्ट्री सब खुले हैं। केवल दुकानों को बंद किया गया है। प्रशासन ने सितंबर में करोना के पीक पर होने की भविष्यवाणी की है, इस कारण बाहर से आने वाले व्यापारी अब पंजाब आने से कतराने लगे है। इसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। सचिव महिंदर अग्रवाल ने कहा कि जनता को मेडिकल सुविधा देने के बजाय अब कैप्टन सरकार ने ऑड-ईवन का फार्मूला लागू कर 50 प्रतिशत के हिसाब से दुकानें खोलने का जो नया फरमान जारी किया है। सरकार के इस कदम ने व्यापारियों को मौत के मुंह में धकेल दिया है। पहले ही वीकेंड लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद होने से व्यापारियों का नुकसान हो रहा था। इस फार्मूले से व्यापार बिल्कुल चौपट हो जाएगा।
चेयरमैन पवन लहर व जिला अध्यक्ष अरविंदर सिंह मक्कड, महामंत्री प्रवीण गोयल ने कहा कि कैप्टन ने ऑड-ईवन फार्मूला तो लागू कर दिया लेकिन अफसरशाही व पुलिस विभाग की नाकामी के कारण व्यापारी अब तक कंफ्यूज है कि किस मार्केट में किस नंबर की दुकान खुलनी है और किस नंबर की बंद रखनी है। अगर व्यापारी अपनी दुकानें खोलते हैं तो पुलिस उन्हें बंद करवा देती है।
कैप्टन को चाबियां सौंपने को मजबूर हो जाएंगे व्यापारी
शहर के अंदरूनी बाजारों में स्थिति बहुत खराब है। अगर यही हाल रहा तो व्यापारी दुकान का किराया, बिजली बिल, कामगारों की सैलरी आदि का खर्च कैसे पूरा करेगा। कैप्टन सरकार ने व्यापारियों को तंग करने के लिए यह फरमान लागू किया है। ऐसे में व्यापारी सड़कों पर उतर कर इसका विरोध करने और अपनी दुकानों की चाबियां कैप्टन को सौंपने को मजबूर हो जाएंगे।
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