बुड्ढा दरिया को संवारने के लिए उद्यमियों ने तैयार रोल मॉडल, 2500 करोड़ का निवेश करने को भी तैयार

बुड्ढा दरिया को संवारने के लिए शहर के प्रमुख औद्योगिक संगठन बहादुरके रोड टैक्सटाइल एवं निटवियर एसोसिएशन ने एक सर्वे करवाकर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है।

By Edited By: Publish:Sat, 30 Mar 2019 07:20 AM (IST) Updated:Sat, 30 Mar 2019 07:20 AM (IST)
बुड्ढा दरिया को संवारने के लिए उद्यमियों ने तैयार रोल मॉडल, 2500 करोड़ का निवेश करने को भी तैयार
बुड्ढा दरिया को संवारने के लिए उद्यमियों ने तैयार रोल मॉडल, 2500 करोड़ का निवेश करने को भी तैयार

जेएनएन, लुधियाना। बुड्ढा दरिया को संवारने के लिए शहर के प्रमुख औद्योगिक संगठन बहादुरके रोड टैक्सटाइल एवं निटवियर एसोसिएशन ने सर्वे करवाकर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है। इसके साथ ही सरकार के समक्ष एक मॉडल भी प्रस्तुत किया है, जिसमें बुड्ढा दरिया को ढकने के साथ-साथ शहर का सारा प्रदूषित पानी दोबारा इस्तेमाल लायक बनाया जा सकता है। प्रोजेक्ट को इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि सरकार को किसी तरह का बजट खर्च नहीं करना पड़ेगा। एसोसिएशन ने खुद यह प्रोजेक्ट पूरा करने की इच्छा जताई है। प्रोजेक्ट के लिए मुंबई की कंपनी स्टो मामा इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड संग अनुबंध कर डीपीआर भी तैयार कर ली गई है, जो शीघ्र पंजाब सरकार को सौंपी जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर एसोसिएशन कंपनी के साथ मिलकर 2500 करोड़ का निवेश करने को भी तैयार है।

बहादुरके रोड स्थित जैन शॉल में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एसोसिएशन के प्रधान तरुण जैन बावा ने कहा कि बुड्ढा दरिया आज एक गंदा नाला बन कर रह गया है, कॉर्पोरेशन की हद के अंदर यह तकरीबन 11 किलोमीटर लंबा और तकरीबन 100 से 150 फुट चौड़ा है। ताजपुर जेल के सामने जमालपुर एसटीपी प्लांट से शुरू होता है और हंबड़ा रोड पर डेयरी कांपलेक्स खत्म होता है। प्रोजेक्ट के लिए केंद्र व राज्य सरकार को मंजूरी लेनी है। क्या है प्रोजेक्ट नाले को 15 फुट गहरा और 80 फुट चौड़ा बनाकर इसके ऊपर आरसीसी स्लैब डाल कर सड़क बनेगी, जिसमें 2500 एमएलडी पानी निकलने की क्षमता होगी। इस पर बनने वाली 80 फुट चौड़ी सड़क के 25 फुट ऊपर एक और आरसीसी की स्लैब पड़ेगी, जिससे ऊंचे से ऊंचा ट्रक, ट्राला, गाड़ी वाहन बड़ी आसानी से शहर के बीचोबीच होकर निकलेंगे। इस 25 फुट ऊंची स्लैब के ऊपर 12 फुट की ऊंचाई पर एक आरसीसी स्लैब और डाली जाएगी जो कि 80 फुट चौड़ी और 11 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें वाहनों को खड़े करने की पार्किंग बनाई जाएगी।

पार्किंग के ऊपर 15-15 फुट ऊंचाई के दो और आरसीसी स्लैब डाले जाएंगे, जिनमें कांपलेक्स, रेजीडेंस, कॉमर्शियल, अस्पताल और इंडस्ट्रियल सुविधाएं होंगी। सबसे ऊपर छत जो कि तकरीबन 80 फुट चौड़ी और 11 किलोमीटर लंबी होगी। उस पर सैर करने की व्यवस्था बनाई गई है। जहां पर चुंगी की हद खत्म होगी, वहां पर 1350 एमएलडी कैपसिटी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा। जो तीन इंडस्ट्रियल सीईटीपी लगने जा रहे हैं उनके ट्रीटेड पानी को ले जाने के लिए इसके बीच में ही अलग से व्यवस्था होगी। इसमें से 20 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा जो कि सरकार को या सरकार की मंजूरी से सीधा लोगों को बिजली बेची जाएगी।

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