ध्रुव कथा में बताया, नहीं करना चाहिए भेदभाव

न्यू राम नगर क्लब की ओर से आयोजित सप्त दिवसीय सरस संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा ब्यास पं.अवधेश पांडेय जी ने ध्रुव के चरित्र की कथा से भक्तो को अभिभूत किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Sep 2019 06:42 PM (IST) Updated:Fri, 13 Sep 2019 06:40 AM (IST)
ध्रुव कथा में बताया, नहीं करना चाहिए भेदभाव
ध्रुव कथा में बताया, नहीं करना चाहिए भेदभाव

संसू, लुधियाना : न्यू राम नगर क्लब की ओर से आयोजित सात दिवसीय सरस संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा ब्यास पं. अवधेश पांडेय जी ने ध्रुव के चरित्र की कथा से भक्तों को अभिभूत किया। उन्होंने बताया कि सतयुग के दौरान अवधपुरी में राजा उत्तानपद राज किया करते थे। उनकी बड़ी रानी का नाम सुनीति था और उनकी कोई संतान नहीं थी। देवर्षि नारद ने रानी को कहा कि यदि तुम राजा की दूसरी शादी करवाओगी तो संतान प्राप्ति होगी। रानी अपनी छोटी बहन सुरुचि की शादी राजा से करवा देती है। कुछ समय बाद सुरुचि को एक संतान की उत्पति हुई, जिसका नाम उत्तम रखा। उसके कुछ दिनों के बाद बड़ी रानी भी एक बालक ध्रुव को जन्म देती है। 5 वर्ष बाद जब राजा उत्तम का जन्म दिन मना रहे थे, तो बालक ध्रुव भी बच्चों के साथ खेलता हुआ उनकी गोद में बैठ गया, जिस पर सुरुचि उठा देती है और उसे कहती है कि यदि अपने पिता की गोद में बैठना है तो अगले जन्म तक इंतजार कर। बालक ध्रुव यह बात चुभ जाती है और वह वन में जाकर तपस्या करने लगते हैं। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उन्हें दर्शन देते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान देने का वचन देते हैं। इस प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए और प्रभु की भक्ति में कोई विघ्न नहीं डालना चाहिए। इसी के साथ कथा को विश्राम दिया गया। कथा में विशेष रूप से शिअद प्रदेश उपाध्यक्ष निर्मल सिंह एसएस ने भगवान कृष्ण के दरबार में हाजिरी लगाई। उन्हें कमेटी के पदाधिकारियों ने सिरोपा भेट कर सम्मानित किया। इस मौके पर बीएस ठाकुर, डीएस ठाकुर, रामजस चौधरी, रविद्र राणा, दिलीप कुमार, उमेश कुमार, रामशरण यादव, विजय शंकर ठाकुर, शिव शंकर ठाकुर, नीरज झा, त्रिलोकी चौबे, राम अवध यादव, जनार्दन सिंह, सुबोध चौहान, शियाराम, रमेश मंडल पप्पू यादव, विजय कुमार आदि मौजूद थे।

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