ट्रडिशनल और वर्चुअल पढ़ाई बन सकती है भविष्य का हिस्सा

ट्रडिशनल मॉडल और वर्चुअल पढ़ाई दोनों ही भविष्य में एक साथ चल सकती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Sep 2020 05:30 AM (IST) Updated:Sat, 12 Sep 2020 05:30 AM (IST)
ट्रडिशनल और वर्चुअल पढ़ाई बन सकती है भविष्य का हिस्सा
ट्रडिशनल और वर्चुअल पढ़ाई बन सकती है भविष्य का हिस्सा

जासं, लुधियाना : ट्रडिशनल मॉडल और वर्चुअल पढ़ाई दोनों ही भविष्य में एक साथ चल सकती हैं। दोनों ही तरीकों को स्कूल आगे अपना सकते हैं। यह बात बीसीएम स्कूल बसंत एवेन्यू दुगरी की प्रिसिपल डॉ. वंदना शाही ने कही। वह शुक्रवार को दैनिक जागरण के फेसबुक लाइव सेशन का हिस्सा बनीं और उन्होंने 'महामारी के दौरान घर से पढ़ाई कैसे करें' विषय पर अपने विचार रखते हुए विद्यार्थियों, अभिभावकों को टिप्स दिए। डॉ. शाही ने कहा कि वर्तमान में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अध्यापक वर्ग भी कोरोना वॉरियरर की भूमिका निभा रहे हैं। कोविड-19 के दौरान चल रही ऑनलाइन पढ़ाई विद्यार्थियों, अभिभावकों, अध्यापकों सभी को नया अनुभव देने वाली है। कार्यक्रम में क्लारा इंटरनेशनल एस्थेटिक कॉलेज ऑफ ब्यूटी लुधियाना, सेंट जीडीएस कॉन्वेंट स्कूल लुधियाना, एलकेमे टूटोरियल्स, ए ग्रुप ऑफ टॉपर्स लुधियाना, अमृतसर ग्रुप ऑफ कॉलेजिस, इंजीनियरिग, फार्मेसी, लॉ वीजा प्लैनर, बेस्ट एंड रिलायएबल होशियारपुर, प्रिता ली लेसन स्कूल कपूरथला, आरएमबी डीएवी सेंचुरी पब्लिक स्कूल नवांशहर, प्रकाश मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल नवांशहर, शिवालिक पब्लिक स्कूल रूपनगर, टैगोर पब्लिक हाई स्कूल फगवाड़ा, गुरु नानक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी पटियाला, सुखजिदर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स गुरदासपुर, डॉ. दस्सन आयुर्वेदिक हर्बल फार्मूलेशंस ने सहयोग किया। दैनिक जागरण के फेसबुक लाइव सेशन पर डॉ. वंदना शाही ने सवालों के दिए जवाब। प्रश्न:- ऑनलाइन और रेगुलर पढ़ाई दोनों को तुलना में कैसे देखती हैं?

- स्कूल में बच्चा अपने बौद्धिक विकास के लिए आता है पर इस समय ऑनलाइन पढ़ाई वरदान साबित हो रही है। यह विद्यार्थी, अभिभावक और अध्यापक को नया अनुभव देने वाली है। सही मायने में बच्चों के लिए लर्निग मॉडल स्कूल ही हैं पर भविष्य में ट्रडिशनल और वर्चुअल दोनों ही पढ़ाई का हिस्सा बन सकती है। प्रश्न :- ऑनलाइन तरीके से विद्यार्थी पढ़ाई का ज्यादा फायदा उठा सकें, इसके लिए अभिभावकों को क्या सुझाव देना चाहेंगी?

- ऑनलाइन पढ़ाई एक बहुत बड़ा बदलाव है और हर बदलाव को कई चरणों में से गुजरना पड़ता है। इसके लिए यह जरूरी है कि आप उस चीज को स्वीकार कर अपनाएं। हां पर ऑनलाइन पढ़ाई को अब अभिभावकों ने स्वीकार भी कर लिया है। इस समय हर किसी की ही मेंटल हेल्थ प्रभावित हो रही है, इसके लिए धैर्य जरूर बनाएं। प्रश्न:- ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या आ रही है, विद्यार्थी और अभिभावक ऐसे में क्या करें?

- जी हां, यह समस्या आ रही है पर जरूरी बात यह है कि इस समय अच्छा डाटा पैकेज लिया जाए। जो चीज मिस हो रही है, उसके लिए अध्यापकों से मदद लें। प्रश्न:- वर्चुअल पढ़ाई के बाद अब वर्चुअल परीक्षाएं भी चल रही हैं, विद्यार्थी इनमें अपना शत प्रतिशत कैसे दें?

- जरूरी है कि विद्यार्थी इन परीक्षाओं को वास्तविक समझें। अभिभावक परीक्षाओं के समय अपने बच्चों की निगरानी रखें। प्रश्न:- ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान अभिभावकों की समस्याओं को किस तरह से लिया जा रहा है?

- ऑनलाइन पढ़ाई की तरह ऑनलाइन पेरेंट्स टीचर्स मीट (पीटीएम) एक अच्छा प्लेटफार्म मिला है। इस माध्यम से अभिभावकों की समस्याओं को सुनते हुए हल किया जा रहा है। प्रश्न:- वर्चुअल पढ़ाई की तरह क्या विद्यार्थी वर्चुअल गतिविधियों का हिस्सा बन रहे हैं?

- मेरे मुताबिक अब विद्यार्थी पहले से ज्यादा वर्चुअल गतिविधियों का हिस्सा बन रहे हैं। हां अभिभावकों को चाहिए कि विद्यार्थियों को फिजिकल एक्सरसाइज, योग, मेडिटेशन के लिए भी प्रेरित करें।

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