लुधियाना में भाकियू एकता उग्राहा ने कृषि कानून वापल लेने के फैसले को बताई जीत, बोले- लिखित में कुछ नहीं मिला

लुधियाना में ग्यारह महीने से भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा धरने पर बैठी है। यूनियन के महासचिव सौदागर सिंह ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किसानों के महा आंदोलन की जीत है। जिसकी वजह से केंद्र सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 10:34 AM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 10:34 AM (IST)
लुधियाना में भाकियू एकता उग्राहा ने कृषि कानून वापल लेने के फैसले को बताई जीत, बोले- लिखित में कुछ नहीं मिला
लुधियाना में ग्यारह महीने से भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा धरने पर बैठी है।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। लुधियाना में एमडी माल के बाहर ग्यारह महीने से भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा धरने पर बैठी है। यूनियन के महासचिव सौदागर सिंह ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किसानों के महा आंदोलन की जीत है। जिसकी वजह से केंद्र सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा। लेकिन, अभी भी यूनियन प्रधानमंत्री के इस ऐलान पर विश्वास नहीं कर सकती। क्योंकि अभय लिखती रूप में कुछ नहीं हुआ है। अभी केवल ऐलान ही किया है। उन्होंने कहा कि धरना जारी रहेगा और सभी किसान संगठनों ने फैसला किया है कि अब वो 26 जनवरी में महारैली रैली करेंगे और मांग करेंगे कि लिखती रूप में इस कानून को रद किया जाए।

वहीं लुधियाना के फिरोजपुर रोड पर किसानों कृषि कानून वापस लेने के फैसले की खुशी में लड्डू बांटे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का पंजाब में व्‍यापक स्‍वागत हो रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने भी इसे केंद्र सरकार का बड़ा तोहफा बताया है। उन्‍होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और केंद्रीय गृ‍हमंत्री अमित शाह का धन्‍यवाद किया है। पंजाब के विभिन्‍न संगठनों ने भी प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा पर खुशी जाहिर की है।

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