निगम की वर्कशॉप में दो साल से कंडम खड़े तीन ट्रैक्टर पी गए 15 हजार लीटर डीजल

एक तरफ नगर निगम आर्थिक तंगी की समस्या से जूझ रहा है। दूसरी तरफ यहां पर एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Sep 2020 05:00 AM (IST) Updated:Fri, 11 Sep 2020 05:13 AM (IST)
निगम की वर्कशॉप में दो साल से कंडम खड़े तीन ट्रैक्टर पी गए 15 हजार लीटर डीजल
निगम की वर्कशॉप में दो साल से कंडम खड़े तीन ट्रैक्टर पी गए 15 हजार लीटर डीजल

राजेश भट्ट, लुधियाना

एक तरफ नगर निगम आर्थिक तंगी की समस्या से जूझ रहा है। दूसरी तरफ यहां पर एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं। पिछले महीने ही निगम कर्मियों की तरफ से सीवरेज और प्रॉपर्टी टैक्स के वसूले पैसे जमा नहीं करने का मामला उजागर हुआ था। वहीं इसी माह एक और घपला सामने आया है।

पता चला है कि नगर निगम की वर्कशॉप में खस्ताहाल खड़े तीन ट्रैक्टर रोजाना डीजल पी रहे थे। यह तीनों ट्रैक्टर करीब दो साल से खराब हैं, लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि तीनों ट्रैक्टरों के लिए हर दिन जोन सी से डीजल इश्यू हो रहा था और इनके डीजल की पर्ची भी निगम के पास जमा हो रही थी। यह सिलसिला करीब दो साल से चल रहा था। खड़े ट्रैक्टरों के लिए डीजल जारी होने का यह सिलसिला आगे भी जारी रहता लेकिन पुराने वाहनों के सर्वे के दौरान उजागर हुआ कि यह तीनों ट्रैक्टर लंबे समय से चलने की हालत में नहीं हैं। जब इन ट्रैक्टरों का रिकॉर्ड चेक किया तो पता चला कि इनके लिए डीजल तो रोजाना जारी किया जा रहा है। मामला सामने आया तो निगम ने इस मामले की जांच एक असिस्टेंट कमिश्नर स्तर के अफसर को सौंप दी। इधर मामले की जांच के बाद जोन सी के उन अफसरों में हड़कंप मच गया है। जांच में खुलेंगी परतें

इस मामले में यदि तेल के घपले का आंकड़ा देखा जाए तो वह काफी होगा, क्योंकि एक ट्रैक्टर के लिए यदि औसत 10 लीटर डीजल जारी हुआ तो तीन के लिए 30 लीटर बनता है। वर्ष 2018 से जून 2020 तक इनके लिए डीजल जारी होता रहा तो एक महीने में कामकाज के 20 दिन भी 30 लीटर तेल जारी हुआ तो महीने का यह 600 लीटर बनता है। इसी तरह दो सालों में करीब 15 हजार लीटर तेल जारी हुआ। बाकी अभी जांच में इसकी परतें उजागर होना बाकी है। मेयर ने सर्वे के आदेश दिए तो जून से बंद कर दिया तेल जारी करना

नगर निगम जोन सी में हेल्थ ब्रांच को यह तीन ट्रैक्टर इश्यू किए गए थे। इन ट्रैक्टरों को हेल्थ ब्रांच अलग-अलग कार्यों के लिए प्रयोग में लाती है। निगम की तरफ से ट्रैक्टर को करीब प्रति दिन के हिसाब से आठ से 12 लीटर डीजल जारी किया जाता है। बताया जा रहा है कि इन तीन ट्रैक्टरों के लिए भी जून तक डीजल जारी होता रहा। जून में मेयर बलकार सिंह संधू ने निगम की वर्कशॉप में कंडम वाहनों का सर्वे करने के आदेश दिए तो तेल जारी करवाने वाले सेनेटरी इंस्पेक्टरों को भनक लग गई। इसके बाद उन्होंने डीजल जारी करवाना बंद कर दिया। कहीं न कहीं इसमें अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ सकती है। निगम के सेक्रेटरी ने रिपोर्ट मेयर को सौंपी

निगम के सेक्रेटरी जसदेव सिंह सेखों ने कंडम होने वाले वाहनों का रिकॉर्ड चेक किया तो यह गड़बड़ी सामने आई। उसी दौरान पता चला कि यह ट्रैक्टर करीब दो साल से चलने की स्थिति में नहीं हैं और उनके लिए डीजल जारी किया जा रहा था। इसकी रिपोर्ट उन्होंने मेयर बलकार सिंह संधू को दी। इसके बाद मेयर ने इस मामले की जांच असिस्टेंट कमिश्नर स्वाति टिवाणा को सौंपी। हालांकि इस मामले की जांच रिपोर्ट मेयर के पास नहीं पहुंची है। डीजल चोरी करने वालों पर मेयर की नजर

नगर निगम में डीजल चोरी की कई शिकायतें मेयर के पास आती रही हैं। मेयर ने कई बार तो खुद भी छापेमारी की और डीजल चोरी करते हुए कर्मचारियों को पकड़ा है। यह मामला सामने आने के बाद मेयर ने अन्य पुराने वाहनों का रिकॉर्ड भी जांचने के आदेश दिए हैं जिससे निगम की अलग अलग ब्रांचों में भी हड़कंप मच गया है। इसी माह पकड़ी थी ईपॉज मशीन की हेराफेरी

कुछ दिन पहले जोन ए में ईपॉज मशीन के जरिए निगम कíमयों ने 17.5 लाख रुपये का चूना लगा दिया था। कर्मचारियों ने लोगों से प्रॉपर्टी टैक्स, पानी सीवरेज के बिल लिए पर यह राशि उन्होंने निगम में जमा नहीं करवाई। अगर मेयर यह मशीन हासिल नहीं करवाते तो निगम कíमयों ने यह गोलमाल कर देना था, लेकिन मामला सामने आया तो आरोपित कíमयों ने यह राशि निगम के खाते में जमा करवा दी। कोट्स

खराब ट्रैक्टरों को डीजल जारी किए जाने का मामला मेरे पास आया था। प्राथमिक रिपोर्ट के बाद इसकी गहनता से जांच के आदेश दिए गए हैं। पूरा रिकॉर्ड तलब किया जा रहा है। असिस्टेंट कमिश्नर इसकी जांच कर रही हैं। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-बलकार सिंह संधू, मेयर लुधियाना

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