1963 के यारों ने ताजा की पुरानी यादें

गुरु गोबिद सिंह सरकारी हाई स्कूल कमालपुरा में वर्ष 1962-63 में दसवीं कक्षा पास करने के बाद विभिन्न शहरों व क्षेत्रों में पहुंच चुके दोस्त जब एक वार फिर से गांव चीमा के सिद्घू बाग में इक्कठे हुए तो सभी एक दूसरे के स्नेह में भीग गए और सभी की आंखे नम नजर आई क्योंकि यह सभी अपनी आयु का बहुत हिस्सा गुजार चुके हैं और लगभग सभी 70 वर्ष के आंकडे के नजदीक पहुंच चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 07:07 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 07:07 PM (IST)
1963 के यारों ने ताजा की पुरानी यादें
1963 के यारों ने ताजा की पुरानी यादें

संवाद सहयोगी, जगराओं : गुरु गोबिंद सिंह सरकारी हाई स्कूल कमालपुरा में वर्ष 1962-63 में दसवीं कक्षा पास करने के बाद विभिन्न शहरों व क्षेत्रों में पहुंच चुके दोस्त जब एक वार फिर से गांव चीमा के सिद्धू पार्क में इक्कठे हुए तो सभी एक दूसरे के स्नेह में भीग गए और सभी की आंखे नम नजर आई। इनमें से कुछ दोस्त ऐसे भी हैं जो अपने परिवारों सहित विदेशों में जा बसे। कुछ ऐसे भी थे जो कुछ ही समय पहले भारत से विदेश वापिस लौटे थे। जब इन सभी को सिद्धू पार्क में इक्कठे होने का संदेश मिला तो वह बिना देर किए टिकट लेकर वापस पंजाब लौट आए।

अमरजीत सिंह चीमा के सिद्धू में आयोजित प्रभावशाली समारोह दौरान मंच संचालन करते हुए सुखदेव सिंह रुमी ने पुराने समय को याद करते हुए सभी को उनके निक नाम लेकर बुलाते हुए वह समय याद करवाया। समारोह में विशेष तौर पर पहुंचे परमजीत सिंह चीमा ने गीत गा कर सभ्याचारक माहौल तैयार किया। इस मौके सभी दोस्तों ने अपनी परिवारिक सांझ को मजबूत करने के साथ समाज सुधारक कार्यो में योगदान डाल कर नई पीढी का मार्ग दर्शन करने पर भी चर्चा हुई।

डॉ. मेजर सिंह ततला ने कमालपुरा स्कूल और क्षेत्र के इतिहास के संबध में जानकारी प्रदान करते हुए अपनी एतिहासिक पुस्तक सभी को भेंट की। सुरजीत सिंह बिजल, अमरजीत सिंह, सुखदेव सिंह रुमी और अजमेल सिह बिंजल की ओर से तैयार किया सोवीनार रिलीज किया। इस मौके 1963 के अपने अंग्रेजी के अध्यापक सुरिंदर पाल सिंह ग्रेवाल और हिदी के अध्यापक अमृत लाल को विशेष तौर पर सम्मानित किया।

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