इंडस्ट्री के प्रदूषण पर कड़ी कार्रवाई, एनजीटी ने पंजाब पर लगाया 50 करोड़ का जुर्माना

सतलुज व ब्यास दरिया में फैल रहे प्रदूषण पर सख्त कार्रवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब सरकार को 50 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 04:06 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 04:07 PM (IST)
इंडस्ट्री के प्रदूषण पर कड़ी कार्रवाई, एनजीटी ने पंजाब पर लगाया 50 करोड़ का जुर्माना
इंडस्ट्री के प्रदूषण पर कड़ी कार्रवाई, एनजीटी ने पंजाब पर लगाया 50 करोड़ का जुर्माना

कपूरथला [हरनेक सिंह जैनपुरी]। सतलुज व ब्यास दरिया में फैल रहे प्रदूषण पर सख्त कार्रवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब सरकार को 50 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। प्रदूषण फैला रही औद्योगिक इकाइयों से दो सप्ताह के भीतर यह राशि वसूल कर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को जमा करवाने का आदेश दिया है।

एनजीटी द्वारा विशेष तौर पर गठित निगरानी कमेटी के इकलौते प्राइवेट मेंबर व प्रसिद्ध पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बीती 31 अक्टूबर को एनजीटी को रिपोर्ट दी थी। माना जा रहा है कि इसी रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गई है। उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण ने भी दरिया का दर्द नाम से नदियों के प्रदूषण पर अभियान चलाया था। इससे पहले एनजीटी द्वारा दिल्ली सरकार पर भी 50 करोड़ रुपये का जुर्माना किया जा चुका है।

सींचेवाल ने बताया कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) की नाकामी की वजह से जालंधर, लुधियाना, रोपड़ आदि जिलों की करीब 2500 फैक्ट्रियों का गंदा व केमिकलयुक्त पानी सतलुज व ब्यास दरिया में मिल रहा है।

पीपीसीबी ने मीटिंग में दावा किया था कि राज्य के 34 ट्रीटमेंट प्लाटों में 33 बन चुके हैं और 32 काम कर रहे हैं। उन्होंने इस सच्चाई को जानने के लिए ट्रीटमेंट प्लाटों का निरीक्षण किया तो पाया कि सिर्फ एक ट्रीटमेंट प्लांट जैतेवाली, नजदीक जंडू सिंघा, जालंधर ही चल रहा है। बाकी 32 बंद पड़े हैं। दशकों से प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड नाकाम साबित हो रहा है।

निकाय विभाग जिम्मेदार

पीपीसीबी के चेयरमैन एसएस मरवाहा ने कहा कि नदियों में प्रदूषण रोकना स्थानीय निकाय विभाग, नगर निगम व नगर कौंसिल व पंजाब सीवरेज बोर्ड की जिम्मेदारी है। जुर्माने की राशि इन्हीं विभागों को वसूलनी होगी।

लुधियाना में 16 जगह से गंदा पानी बुड्ढा नाले में मिल रहा

लुधियाना के 16 जगह फैक्टियों का जहरीला व केमिकल युक्त पानी बुड्ढा नाले से सतलुज में मिल रहा है। इनमें मेडिकल वेस्टेज भी है। जालंधर के लेदर कांप्लेक्स, फोकल प्वाइंट का गंदा पानी गढ़ा ड्रेन से चिट्टी बेई और काला संघिया ड्रेन से सतलुज व ब्यास में मिल रहा है।

लुधियाना, जालंधर में सर्वाधिक गंदा पानी मिल रहा नदियों में

सींचेवाल ने बताया कि लुधियाना शहर का 775 एमएलडी और जालंधर का 260 एमएलडी गंदा पानी रोजाना इन नदियों में मिल रहा है। इस वजह से मालवा क्षेत्र में हजारों लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है और राजस्थान के लिए एक ट्रेन चलती है जिसको कैंसर एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता है।

50 करोड़ रुपये जुर्माना कुछ खास नहींः सींचेवाल

पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सींचेवाल का कहना है कि 50 करोड़ रुपये जुर्माना कुछ खास नहीं है क्योकि नदियों में जहरीला पानी मिलने से लोगों से जीने का हक छीना जा रहा है। इस पानी को पीने वाले लोग कैंसर का शिकार होकर मौत के मुंह में जा रहे हैं और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड तमाशा देख रहा है।

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