भौतिक सुखों की लालच में अध्यात्म से दूर हो रहा मानव : साध्वी

संवाद सूत्र, फगवाड़ा : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से बाबा गधिया खलवाड़ा रोड फगवाड़ा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Sep 2018 06:17 PM (IST) Updated:Sun, 16 Sep 2018 06:17 PM (IST)
भौतिक सुखों की लालच में अध्यात्म से दूर हो रहा मानव : साध्वी
भौतिक सुखों की लालच में अध्यात्म से दूर हो रहा मानव : साध्वी

संवाद सूत्र, फगवाड़ा : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से बाबा गधिया खलवाड़ा रोड फगवाड़ा स्थित शिव मंदिर में सत्संग का आयोजन किया गया। इस मौके पर आशुतोष महाराज जी की शिष्य साध्वी सिमरनजीत भरती ने प्रवचन करते हुए कहा कि पुरातन काल में विश्व के दृश्य पटल पर यदि किसी देश की संस्कृति ने पूर्ण शुभ्रता एवं दिव्यता को प्राप्त किया तो वह था भारत। संस्कृति के पुण्य प्रवाह में भारत ने ऐसे युग को जिया व देखा है, जहां यज्ञ धर्म की पवित्र सुगंध से परिपूर्ण इसका आकाश, ऋषियों द्वारा उच्चारित मंत्रों से गुंजित वातावरण इस धरा पर स्वर्ग का अनुभव देते थे जिसके समक्ष संपूर्ण विश्व नमन करने के लिए बाध्य हो गया था। ये सब आज सिर्फ स्वर्णिम इतिहास बन कर रह गई है। आज हम उस समाज एवं भारत के साक्षी है, जहां अश्लीलता, नशा, चरित्रहीनता, झूठ फरेब, भ्रष्टाचार ने अपनी जड़े फैला रखी है, जिसका मुख्य कारण हमारा अत्यंत अधार्मिक, स्वार्थपूर्ण व भौतिक होना है। ऐसे आधुनिक भारत को प्राचीन स्वर्णिम भारत बनाने के लिए जरूरी है कि इसके आदर्श अध्यात्म के वास्तविक स्वरूप को जानकर धारण करें। भारत के प्राण अध्यात्म है, यदि अध्यात्म के वास्तविक स्वरूप से परिचय हो गया तो फिर से भारत जगदगुरु बन जाएगा। इस पश्चात साध्वी दविंदर भारती जी ने मधुर भजनों का गायन किया।

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