डॉक्टरों की हड़ताल से इलाज को तरसे मरीज

एनएमसी बिल पास करवाने के बाद निजी अस्पताल के डाक्टर विरोध में खडे़ हो गए है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Aug 2019 02:16 AM (IST) Updated:Thu, 01 Aug 2019 02:16 AM (IST)
डॉक्टरों की हड़ताल से इलाज को तरसे मरीज
डॉक्टरों की हड़ताल से इलाज को तरसे मरीज

संवाद सहयोगी, कपूरथला : केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में एनएमसी बिल पास करवाने के बाद निजी अस्पताल के डाक्टर विरोध में खडे़ हो गए है। एनएमसी बिल का विरोध कर रहे निजी डाक्टरों की तरफ से बुधवार को दिन भर हड़ताल रखी गई और किस भी डाक्टर ने मरीजों को नही देखा। उधर सरकारी अस्पताल के डाक्टरों द्वारा भी 10 से 12 तक दो घंटे तक हड़ताल कर बिल का विरोध जताया गया जिसके चलते सिविल अस्पताल में भी सेहत सुविधाएं प्रभावित रही। निजी डाक्टरों की यह हड़ताल वीरवार सुबह छह बजे तक रहेगा। इस हड़ताल में निजी अस्पतालों के 60 से 70 डाक्टर शामिल हैं।

उधर केंद्र की तरफ से एनएमसी पिल पारित कर लागू करने की तैयारी के विरोध में डाक्टरों का कहना है कि केंद्र सरकार ने डॉक्टरों पर घोर तानाशाही का स्पष्ट प्रमाण जनता के समक्ष रखा है जिसे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कभी भी मान्यता न देते हुए रोष प्रदर्शन जारी रखेगी।

आइएमए कपूरथला की अध्यक्ष डॉ. सुरजीत कौर ने एनएमसी बिल के विरोध में एसोसिएशन की ओर से पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सिविल अस्पताल परिसर में रोष प्रदर्शन के दौरान संबोधन करते हुए कही। आइएमए के विभिन्न पदाधिकारियों ने संबोधन करते हुए एनएमसी बिल को काला कानून करार दिया। उन्होंने कहा कि उक्त बिल के लागू होने से विशेषज्ञ डाक्टरों के अधिकारों का हनन होगा और स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित होगी।

केंद्र सरकार ने बिना आंकलन व समीक्षा किए एनएमसी बिल को पास कर शिक्षित डाक्टरों पर अत्याचार किया है। आइएमए के समूह सदस्यों ने सिविल अस्पताल में रोष प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उक्त कानून को तत्काल रद करने की मांग दोहराई।

निजी अस्पतालों में सुबह छह बजे से बंद रही ओपीडी

उल्लेखनीय है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर डाक्टरों ने बुधवार की सुबह छह से निजी अस्पतालों की ओपीडी पूर्ण तौर से बंद रखी। 24 घंटे तक ओपीडी न खोलने की बात कहते हुए डाक्टरों ने अपना कड़ा रोष जताया।

वहीं आइएमए के साथ सिविल अस्पताल में पीसीएमएस यूनियन के डाक्टरों ने भी सरकारी अस्पताल की 2 घंटे ओपीडी बंद कर एनएमसी बिल का कड़ा विरोध किया। इसी तरह आइएमए के सदस्यों ने माल रोड पर श्री मणि महेश मंदिर के समीप धरना प्रदर्शन आयोजित कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर रोष प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

इस अवसर पर आइएमए के पदाधिकारी डॉ. सर्बजीत सिंह, डॉ. बीएस मोमी, डॉ. हरजीत सिंह, डा. रणजीत राय, डॉ. एचएल महमी, डॉ. राजकुमार, डॉ. एसएस गिल, डॉ. बरिदर गिल, डॉ. मधू गुप्ता, डॉ. मानव गुप्ता, डॉ. रणबीर कौशल, डॉ. रजत कौशल, डॉ. सरिता कौशल, डॉ. राजकुमार भगत, डॉ. राजीव भगत, डॉ. रजिदर भोला, डॉ. एनएस तेजी, डॉ. अमनदीप सिंह, डॉ. जेएस थिद, डॉ. प्रिसजीत, डॉ. जेएस वधवा, डॉ. डीपीएस बावा, डॉ. राजीव पराशर, डॉ. हरप्रीत सिंह मोमी, डॉ. रवजीत सिंह, डॉ. संदीप धवन, डॉ. सिम्मी धवन, डॉ. परमिदर कौर धंजू, डॉ. एसजे धवन, डॉ. संदीप भोला, डॉ. डीके मित्तल, डॉ. मधूसुदन संगर, डॉ. एसएस भाटिया, डॉ. अमिता शर्मा, डॉ. कुलमिदर जीत कौर, डॉ. अतुल रतन, डॉ. अनू रतन, डॉ. मोहनप्रीत सिंह, डॉ. पीएस औजला, डॉ. नरिदर सिंह, डॉ. रमेश माहना, डॉ. बीएस मुल्तानी के अलावा बड़ी संख्या में एसोसिएशन के सदस्यगण शामिल थे।

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