Raksha Bandhan 2021: अटारी बार्डर पर स्पेशल रक्षाबंधन, 2 फीट की तिरंगा राखी बंधवा खिले जवानों के चेहरे

भारत-पाकिस्तान अटारी बार्डर पर रक्षाबंधन का पर्व खास अंदाज में मनाया गया। त्योहार का रंग उस समय जमा जब महिलाओं ने बड़े प्यार से स्पेशल तिरंगा राखी जवानों की कलाई पर बांधी। देश भक्ति के रंग में रंगी खूबसूरत राखी देख सबके चेहरे खिल उठे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 22 Aug 2021 12:27 PM (IST) Updated:Sun, 22 Aug 2021 12:27 PM (IST)
Raksha Bandhan 2021: अटारी बार्डर पर स्पेशल रक्षाबंधन, 2 फीट की तिरंगा राखी बंधवा खिले जवानों के चेहरे
भारत-पाकिस्तान अटारी सीमा पर सैनिकों को राखी बांधती हुईं महिलाएं और युवतियां। जागरण

जासं, अमृतसर। रविवार को भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अटारी सीमा पर तैनात सैनिकों का घर से दूर रहने का अहसास उस समय जाता रहा जब महिलाएं और युवतियां उन्हें राखी बांधने पहुंची। बार्डर पर रक्षाबंधन का पर्व पूरी सादगी लेकिन जोश के साथ मनाया। त्योहार का रंग उस समय जमा जब महिलाओं ने बड़े प्यार से स्पेशल तिरंगा राखी जवानों की कलाई पर बांधी। यह राखी करीब 2 फीट आकार की थी। देश भक्ति के रंग में रंगी खूबसूरत राखी देख सबके चेहरे खिल उठे। उनकी त्योहार पर अपने घर से दूर होने की टीस जाती रही। सरहद पर देश की रक्षा के लिए उनका जोश दोगुना हो गया। उधर सीमा सुरक्षा बल की महिला कर्मियों ने अपने अधिकारियों और सहयोगियों को राखी बांधकर त्योहारी की खुशी बांटी।

महिलाओं के साथ यहां पहुंची पंजाब की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रोफेसर लक्ष्मीकांता चावला ने अटारी सीमा पर बीएसएफ जवानों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा और देश की रक्षा का संकल्प लिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 1968 से अटारी सीमा पर रक्षा बंधन मनाने का क्रम जारी है।

रविवार को अटारी बार्डर पर एक जवान को राखी बांधती हुई बच्ची। साथ मौजूद हैं पंजाब की पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला। 

कोरोना के चलते इस बार सरहद पर रक्षाबंधन के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हो सका लेकिन सभी जवानों की कलाई सुनी नहीं रही। प्रो. चावला ने कहा कि देश के ये वीर हर पल सीमा पर मुस्तैद रहकर देश की रक्षा करते हैं। रक्षाबंधन के दिन जवान हर साल प्रतीक्षा करते हैं कि उनकी सुनी कलाई पर रेशम की डोर सजाई जाए। इसीलिए वे यहां उन्हें राखी बांधती हैं। 

बता दें कि अटारी-बाघा सीमा शाम को होने वाली रिट्रीट सेरेमनी के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसी कारण यह पंजाब का एक बड़ा टूरिस्ट प्लेस भी बन गया है। कोरोना काल से पहले तक रोजाना शाम को यहां देश भर आए लोग पहुंचकर रिट्रीट सेरेमनी में भारतीय सैनिकों को जोश और जुनून देखने के लिए पहुंचते थे। कोरोना महामारी के कारण अभी तक रिट्रीट सेरेमनी अपने पुराने रूप में नहीं लौट सकी है। लोगों को इसका बेसब्री से इंतजार है। 

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