Raksha Bandhan 2021: महिलाओं की भीड़ के आगे कम पड़ गईं बसें, जालंधर बस स्टैंड पर पहुंची दोगुनी सवारियां
अमृतसर बटाला पठानकोट नवांशहर चंडीगढ़ मोगा आदि रूट के ऊपर पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध ही नहीं हो पा रही हैं। यात्रियों को बसों के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ के लिए एसी बसों में सवारियों को स्टूल लगाकर बिठाया जा रहा है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। किसानों के धरने, लंबे ट्रैफिक जाम और रूट डायवर्शन की तमाम परेशानियों के बावजूद भाई की कलाई पर राखी बांधने निकली बहनों के प्यार के आगे प्रदेश की बस सेवाएं बौनी साबित हो गईं। जालंधर के शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटरस्टेट बस टर्मिनल के पर महिला यात्रियों की इतनी ज्यादा संख्या उमड़ी हैं कि बसें ही कम पड़ गई हैं।
बस स्टैंड परिसर के भीतर पहुंच रही बस को काउंटर के ऊपर भी लगने का मौका नहीं मिल रहा है और उससे पहले ही बसें फुल हो रही हैं। अमृतसर, बटाला, पठानकोट, नवांशहर, चंडीगढ़, मोगा आदि रूट के ऊपर पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध ही नहीं हो पा रही हैं। यात्रियों को बसों के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। जितनी देर में संबंधित रूट के ऊपर बस उपलब्ध हो पाती है। यात्रियों की संख्या फिर से दोगुनी हो जाती है।
डायवर्टेड रूटों पर चलाई जा रहीं बसें
हालांकि लगातार तीसरे दिन रविवार को भी बस सेवा डायवर्टेड रूटों के ऊपर ही चलाई जा रही है। इस वजह से गंतव्य तक पहुंचने में जहां लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है। वही समय भी अतिरिक्त लग रहा है। यही वजह है कि देरी से बस स्टैंड पर पहुंच रही बसों के आगे वाले रूटों के टाइम मिस हो रहे हैं। इस वजह से बसों को भी जालंधर बस स्टैंड पर ही शॉर्ट टर्मिनेटेड कर देना पड़ रहा है।
बसों का इंतजाम करने में लग रहा समय
साधारण बसों के अलावा चंडीगढ़, अमृतसर, चंडीगढ़, बटाला रूट पर चलने वाली निजी एयर कंडीशंड बसों की स्थिति भी कमोबेश यही है। एसी बसों में स्टूल लगाकर यात्री बिठाए जा रहे हैं। पंजाब रोडवेज जालंधर बस स्टैंड पर मौजूद अधिकारियों ने कहा कि पूरी कोशिश की जा रही है कि यात्रियों की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध हो सकें, लेकिन यात्रियों की संख्या ही एकाएक इतनी ज्यादा उमड़ आई है कि बसों का इंतजाम करने में समय लग रहा है।