उर्दू शायरी के द्वार पर महिलाओं की दस्तक स्वागत योग्य : सेठ Jalandhar News

पंजाब कला साहित्य अकादमी ने बाद-ए-सबा के सहयोग से देश की करीब दो दर्जन महिला शायरों की गजलों व नज्मों के संग्रह बाद-ए-सबा चतुर्थ का विमोचन किया।

By Edited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 01:49 AM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 03:02 AM (IST)
उर्दू शायरी के द्वार पर महिलाओं की दस्तक स्वागत योग्य : सेठ Jalandhar News
उर्दू शायरी के द्वार पर महिलाओं की दस्तक स्वागत योग्य : सेठ Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। पंजाब कला साहित्य अकादमी ने बाद-ए-सबा के सहयोग से देश की करीब दो दर्जन महिला शायरों की गजलों व नज्मों के संग्रह 'बाद-ए-सबा' चतुर्थ का विमोचन किया। इस समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सुरेश सेठ ने की। उन्होंने कहा कि आज नारी जिंदगी के हर मुकाम पर अपनी हस्ती को साबित कर रही है। उनका कहना था कि उर्दू शायरी के द्वार पर महिलाओं की यह दस्तक स्वागत योग्य है।

हिंदी के समीक्षक डॉ. अनिल पांडेय ने कहा कि देश के काव्य इतिहास में यह संग्रह नई तहरीर लिखेगा। वहीं, लायंस क्लब के प्रधान कुलविंदर फुल्ल ने कहा कि उर्दू शायरी का आनंद ही अलग है और इस संग्रह को पढ़ कर आनंद की अनुभूति होती है। वरिष्ठ साहित्यकार दीपक जालंधर ने कहा यह संग्रह नायाब है। पंकस अकादमी के अध्यक्ष सिमर सदोष ने कहा कि उन्होंने सैकड़ों पुस्तकों की समीक्षा की है, लेकिन बाद-ए-सबा की अध्यक्ष निर्मला कपिला ने उर्दू अदब की शालीनता को हर मुकाम पर बनाए रखा। यही इस संग्रह की खास बात है और दूसरों से अलग बनाती है।

वहीं निर्मला कपिला ने इस संग्रह के प्रकाशन और बाद-ए-सबा के चार पायदान पार करने के दौरान पेश आए अनुभवों को सबके साथ साझा किया। मंच का संचालन अमृतसर के उभरते शायर अर्जुन गुप्ता ने किया। इस मौके पर डॉ. विनोद कुमार, डॉ. अजय शर्मा, भोलानाथ कश्यप, कुल¨वदर कौर, वीणा विज, नीलम जुल्का, कीर्ति केसर, कमलेश आहूजा, प्रो. सोमनाथ, प्रो. संदीप चाहल, डॉ. राज शर्मा, हरदयाल सागर, अमिता सागर, बलविंदर अत्री समेत अन्य गणमान्य मौजूद थे।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

chat bot
आपका साथी