वन टाइम सेटलमेंटः सील इमारतों के मालिकों के साथ लोकल बाडी मंत्री से मिले विधायक रिंकू Jalandhar News

विधायक सुशील रिंकू ने मंत्री से अपील की कि हाईकोर्ट में चल रहे केस की मजबूती से पैरवी के निर्देश दिए जाएं और वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी जल्द से जल्द जारी हो।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 04:15 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 04:15 PM (IST)
वन टाइम सेटलमेंटः सील इमारतों के मालिकों के साथ लोकल बाडी मंत्री से मिले विधायक रिंकू Jalandhar News
वन टाइम सेटलमेंटः सील इमारतों के मालिकों के साथ लोकल बाडी मंत्री से मिले विधायक रिंकू Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। स्थानीय निकास मंत्री ब्रहम मोहिंद्रा ने विभाग के अफसरों को निर्देश दिया है कि वह 10 दिन के अंदर अवैध इमारतों को रेगुलर करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी का पब्लिक फ्रेंडली डिजाइन तैयार करें। मंत्री ने कहा कि सीएम के विदेश दौरे से लौटने से पहले ही पॉलिसी का डिजाइन तैयार कर लिया जाए ताकि उनके आते ही पॉलिसी मंजूर करवाई जा सके। मोहिंद्रा ने के ये निर्देश विधायक सुशील रिंकू और विधायक परगट सिंह के साथ मीटिंग के बाद जारी किए हैं। मीटिंग में विधायक रिंकू के साथ सील की गई इमारतों के मालिक भी मौजूद थे।

विधायकों ने मंत्री को बताया कि नगर निगम की कार्रवाई से जालंधर में हाहाकार मचा हुआ है और अगर हाईकोर्ट से इमारतों को गिराने का आदेश आ जाता है तो शहर में पार्टी की स्थिति खराब हो सकती है और लोगों को नुकसान उठाना पड़ेगा। विधायक सुशील रिंकू ने मंत्री से अपील की कि हाईकोर्ट में चल रहे केस की मजबूती से पैरवी के निर्देश दिए जाएं और वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी जल्द से जल्द जारी हो। मंत्री ने स्थानीय निकास विभाग के अधिकारियों को बुलाकर हाईकोर्ट में चल रहे केस की पूरी जानकारी ली और निर्देश दिया कि एडवोकेट जनरल से मीटिंग करके इस केस को मजबूती से रखा जाए।

नाकाम रही पिछली वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी

स्थानीय निकाय विभाग पहले वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी पर लोगों से सुझाव ले चुका है लेकिन अभी तक पॉलिसी को दोबारा जारी नहीं किया है। पहले जारी वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी काफी सख्त होने के कारण पंजाब से सिर्फ 600 आवेदन आए हैं। अगर यह पॉलिसी सरल हो जाए तो सरकार को हजारों करोड़ रुपए का फायदा हो सकता हैं। नगर निगम ने पिछले 10 दिन में 60 से ज्यादा इमारतें सील की हैं लेकिन हाईकोर्ट इससे संतुष्ट नहीं है। निगम इससे भी सख्त कार्रवाई कर सकता है।

 

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